बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में प्रमुख नाम, जल्द होगा फैसला

बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों की सूची
बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़: भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा अब निकट भविष्य में होने की संभावना है। प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्तियों की प्रक्रिया में तेजी आई है, जो कई महीनों से लंबित थी। बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम आधे राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति आवश्यक है, और पार्टी इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर चुकी है। अब तक बीजेपी ने 22 प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर लिया है।
संगठन में बदलाव, निर्णय निकट
संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया तेज
बीजेपी का संगठन चुनाव अब गति पकड़ चुका है। हाल के दिनों में मिजोरम में के. बेइचुआ और पुदुचेरी में वीपी रामलिंगम को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। तेलंगाना में के. रामचंद्र राव, आंध्र प्रदेश में पीवीएन माधव, उत्तराखंड में महेश भट्ट, और महाराष्ट्र में रविंद्र चौहान को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश में राजीव बिंदल को फिर से मौका दिया गया है। अगले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन-दीव और लद्दाख के अध्यक्ष भी तय हो जाएंगे। इनमें से अधिकांश नेता आरएसएस की पृष्ठभूमि से हैं या ऐसे सामाजिक समूहों से हैं जो राज्य के राजनीतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।
सामाजिक संतुलन का ध्यान
जातीय संतुलन पर ध्यान केंद्रित
उत्तराखंड में महेश भट्ट ब्राह्मण हैं, जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजपूत हैं, जिससे सामाजिक संतुलन का ध्यान रखा गया है। तेलंगाना में पहले से ही दो ओबीसी मंत्री हैं, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी ब्राह्मण नेता रामचंद्र राव को दी गई है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में अभी तक अध्यक्ष का नाम तय नहीं हुआ है। चर्चा है कि ओबीसी या ब्राह्मण नेता को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ब्राह्मणों की उपेक्षा के आरोपों के बीच, पार्टी 2027 की रणनीति के तहत संतुलन साधने का प्रयास कर रही है।
अंतिम चरण में संगठनात्मक फेरबदल
संगठनात्मक बदलाव का अंतिम चरण
बीजेपी के अंदर संगठनात्मक फेरबदल अब अंतिम चरण में है। खबरों के अनुसार, तीन जून तक 25 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर लिया जाएगा। आज शाम तक 21 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, क्योंकि बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम 50% प्रदेश इकाइयों में चुनाव होना आवश्यक है। अब तक 22 राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
जातीय समीकरणों पर ध्यान
जातीय समीकरणों को प्राथमिकता
राजनीतिक विश्लेषक रामनारायण श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश अध्यक्षों की नई टीम के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। जहां आरएसएस बैकग्राउंड और जातीय समीकरणों को प्राथमिकता दी जा रही है, वहीं पार्टी यह भी देख रही है कि अगला अध्यक्ष उसे 2029 के लोकसभा चुनाव तक मजबूती से आगे ले जा सके। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि जेपी नड्डा के बाद किसे पार्टी की कमान सौंपी जाएगी।