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भाजपा और जदयू के गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान

भाजपा और जदयू के गठबंधन एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। केंद्रीय मंत्रियों चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने अपनी नाराजगी को शायरी और कविता के माध्यम से व्यक्त किया है। चिराग ने अपने पिता की पुण्यतिथि पर संघर्ष का संकल्प लिया, जबकि मांझी ने 15 सीटों की मांग की है। जानिए इस राजनीतिक खींचतान के पीछे की वजहें और आगे की संभावनाएं।
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भाजपा और जदयू के गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान

एनडीए में बढ़ी अनिश्चितता

नई दिल्ली। भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन एनडीए में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। केंद्रीय मंत्रियों चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने अपनी नाराजगी को शायरी और कविता के माध्यम से व्यक्त किया है। उनकी मांगों के चलते सीट बंटवारे का निर्णय अभी तक नहीं हो सका है। बुधवार को दिल्ली से पटना तक बैठकों का सिलसिला जारी रहा।


पटना स्थित भाजपा कार्यालय में सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा हुई। बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए की स्थिति मजबूत है। बीजेपी के नेता सभी सहयोगी दलों के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।


चिराग पासवान की नाराजगी

इस बीच, चिराग पासवान ने अपने पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया पर लिखा, 'जीना है तो मरना सीखो, कदम कदम पर लड़ना सीखो'। उन्होंने संकेत दिया कि वे संघर्ष के लिए तैयार हैं। नाराजगी की खबरों के बीच उन्होंने मीडिया से कहा कि सही समय पर सही निर्णय लिया जाएगा और वे नाराज नहीं हैं।


जीतन राम मांझी की मांग

वहीं, जीतन राम मांझी 15 से अधिक सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रामधारी सिंह दिनकर की कविता के माध्यम से अपनी मांग को रखा। उन्होंने लिखा, 'दो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे'। हालांकि, मांझी ने कहा कि सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। उनका कहना है कि वे अधिक सीटें इसलिए मांग रहे हैं ताकि उनकी पार्टी को राज्य स्तरीय दल की मान्यता मिल सके।