भाजपा का नया अध्यक्ष: RSS की कसौटी पर खरा उतरने वाला नेता चाहिए

भाजपा का संवेदनशील दौर
2024 के लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत से चूकने के बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक महत्वपूर्ण संक्रमण काल से गुजर रही है। पार्टी सत्ता में है, लेकिन उसका पहले जैसा प्रभाव अब कम होता नजर आ रहा है। इस स्थिति में, भाजपा अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया में जुटी है, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.
भाजपा के अगले अध्यक्ष की आवश्यकताएँ
कैसा हो भाजपा का अगला अध्यक्ष?
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, RSS प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणियों को भाजपा नेतृत्व के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है। उन्होंने सत्ता में बढ़ते अहंकार और संवादहीनता की आलोचना की है, जिससे पार्टी के नेतृत्व के व्यक्तित्व केंद्रित मॉडल पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया गया है.
संघ चाहता है कि नया अध्यक्ष न केवल रणनीतिक हो, बल्कि वैचारिक रूप से मजबूत, संघ के मूल्यों से जुड़ा और कैडर के साथ संवाद करने वाला हो. तकनीक से नहीं, बल्कि तपस्या से बना नेता ही संघ की कसौटी पर खरा उतर सकेगा.
RSS की कसौटी: अगला अध्यक्ष कैसा होना चाहिए?
1. नया, अपेक्षाकृत युवा चेहरा जो केवल चेहरा न हो, बल्कि मूल विचारधारा को भी समझता हो और आगे ले जा सके.
2. संघ पृष्ठभूमि वाला नेता जिसने शाखा, प्रांत प्रचारक या बूथ स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाई हो.
3. टेक्नोक्रेट्स से दूरी पार्टी में बढ़ते राजनीतिक प्रवासियों और तकनीकी विशेषज्ञों की भूमिका पर RSS ने चिंता जताई है.
4. अंदरूनी लोकतंत्र को महत्व नया अध्यक्ष सुनने वाला, फीडबैक स्वीकार करने वाला और निरंकुशता से दूर हो.
5. वैचारिक स्पष्टता जरूरी UCC (समान नागरिक संहिता), जनसंख्या नियंत्रण नीति, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों पर स्पष्ट दृष्टिकोण रखता हो.
75 पार नेताओं पर संघ का इशारा
भाजपा या संघ में 75 की उम्र पार कर चुके नेताओं के लिए कोई औपचारिक रिटायरमेंट नीति नहीं है। लेकिन मोहन भागवत ने हाल ही में जो कहा, वह साफ संकेत है कि संघ अब उम्र आधारित उत्तराधिकार नीति को लेकर गंभीर हो रहा है। उन्होंने कहा, "समय आ गया है कि वरिष्ठ जन उत्तराधिकार तय करें।" यह बात सीधे तौर पर भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए एक स्पष्ट और सख्त संकेत मानी जा रही है.
BJP ने 36 में से 28 राज्यों में अध्यक्ष बदले
BJP 36 में से 28 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदल चुकी
भाजपा अब तक 36 में से 28 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदल चुकी है। बाकी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात में नए अध्यक्षों की घोषणा होना अभी बाकी है। यह बदलाव संगठन के पुनर्गठन और राष्ट्रीय नेतृत्व के चयन की दिशा में भूमिका तैयार करने के रूप में देखा जा रहा है.
संघ का दखल, BJP के लिए नई चुनौती
संघ का दखल, BJP के लिए नई चुनौती
RSS अब केवल बैकएंड गाइडेंस तक सीमित नहीं रहना चाहता। 2024 के बाद के परिदृश्य में जब भाजपा को सहयोगी दलों की मदद से सरकार बनानी पड़ी है, संघ की अपेक्षा है कि पार्टी अब विचार आधारित नेतृत्व को अपनाए, न कि केवल चमकदार चेहरे को। यह स्पष्ट है कि BJP का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई सामान्य राजनीतिक चेहरा नहीं होगा, बल्कि वह संघ की कसौटी पर खरा उतरने वाला, संवाद, संगठन और सिद्धांतों में संतुलन रखने वाला वैचारिक योद्धा होगा.