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भाजपा को बड़ा झटका: असीत नाथ तिवारी ने कांग्रेस जॉइन की

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है जब भाजपा नेता असीत नाथ तिवारी ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया। उन्होंने भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी का रवैया संवेदनहीन था, खासकर मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में। तिवारी ने भाजपा अध्यक्ष से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें निराशा मिली। उनकी वापसी और भाजपा की कार्यशैली पर उठाए गए सवालों ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है।
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भाजपा को बड़ा झटका: असीत नाथ तिवारी ने कांग्रेस जॉइन की

बिहार में भाजपा को झटका

बिहार समाचार: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को भाजपा के पूर्व नेता असीत नाथ तिवारी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले, वे कांग्रेस के प्रवक्ता रह चुके थे और लगभग एक साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने सदाकत आश्रम में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार की उपस्थिति में पार्टी में वापसी की।


भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप

सोमवार को असीत नाथ तिवारी ने फेसबुक पर भाजपा छोड़ने की घोषणा की, जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई। कांग्रेस में लौटने के बाद, उन्होंने मीडिया से बातचीत में भाजपा नेतृत्व पर अमानवीयता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में पार्टी का रवैया बेहद संवेदनहीन था, जिससे वे बहुत आहत हैं।


भाजपा अध्यक्ष से मदद की गुहार

असीत नाथ तिवारी ने बताया कि जब पटना के एक अस्पताल में बच्ची जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी, तब उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल से फोन पर मदद मांगी थी। लेकिन उन्होंने तंज करते हुए कहा कि 'तुम पत्रकार नहीं हो, हर सरकारी अस्पताल में ऐसे मरीज मिलते हैं।'


सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की इस बात से आहत होकर उन्होंने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया। इसके बाद पार्टी के नेताओं ने उनसे पोस्ट डिलीट करने का दबाव बनाया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय जयसवाल को अपना पोस्ट हटाना पड़ा था।


भाजपा की कार्यशैली पर उठाते रहे हैं सवाल

यह पहली बार नहीं है जब असीत नाथ तिवारी ने भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं थे। भाजपा द्वारा नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से वे पार्टी से नाराज चल रहे थे।