भाजपा ने बिहार चुनाव के बाद तीन नेताओं को पार्टी से निकाला
भाजपा का बड़ा कदम
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में सफलता के बाद, भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आर. के. सिंह समेत तीन नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है। यह निर्णय पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के आधार पर लिया गया है। कटिहार की मेयर ऊषा अग्रवाल और एमएलसी अशोक अग्रवाल के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की गई है। यह भाजपा का बागी नेताओं के खिलाफ पहला बड़ा कदम है।
अनुशासनहीनता का आरोप
भाजपा ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, "आपकी गतिविधियां पार्टी के खिलाफ हैं। यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती है। पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है और इससे पार्टी को नुकसान हुआ है। इसलिए, आपको छह वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित किया जाता है और आपको यह बताने के लिए कहा जाता है कि आपको पार्टी से क्यों निष्कासित किया जाए। पत्र प्राप्त करने के एक सप्ताह के भीतर आप अपनी स्थिति स्पष्ट करें।"
राज कुमार सिंह का इस्तीफा
भाजपा से निलंबन के बाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद राज कुमार सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को भेजे गए अपने पत्र को सार्वजनिक करते हुए पार्टी नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए।
निलंबन नोटिस पर सवाल
उन्होंने पत्र में कहा कि उन्हें निलंबन नोटिस की जानकारी केवल अग्रसारित संदेशों के माध्यम से मिली। उनका कहना था कि नोटिस में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उनकी कौन-सी गतिविधि "पार्टी विरोधी" मानी गई। उनके अनुसार, बिना किसी विशेष आरोप का उल्लेख किए जवाब मांगना उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री के खिलाफ मुखर
पूर्व केंद्रीय मंत्री आर. के. सिंह हाल के दिनों में बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से बिहार में शराबबंदी को समाप्त करने की वकालत की थी।
