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भाजपा ने विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू की, रणनीतियों पर जोर

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता विभिन्न राज्यों में दौरे कर रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद भाजपा ने माइक्रो मैनेजमेंट पर जोर दिया है। पार्टी ने अन्ना डीएमके के साथ तालमेल किया है और पश्चिम बंगाल में भी सक्रियता दिखाई है। जानें भाजपा की चुनावी रणनीतियों और गठबंधन की योजनाओं के बारे में।
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भाजपा ने विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू की, रणनीतियों पर जोर

भाजपा की चुनावी रणनीतियाँ

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साल बाद होने वाले हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी तैयारियों को पहले से ही आरंभ कर दिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, पिछले साल के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लापरवाही दिखाई थी। पार्टी के शीर्ष नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक ने यह मान लिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने वाला कोई नहीं है। इस सोच के चलते उन्होंने राम मंदिर के नैरेटिव पर भरोसा किया। हालांकि, जब भाजपा को 63 सीटों का नुकसान हुआ और कांग्रेस की सीटें दोगुनी हो गईं, तब पार्टी की नींद खुली। इसके बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव के बाद हुए विधानसभा चुनावों में मोदी के करिश्मे के साथ-साथ माइक्रो मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित किया और महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में सरकार बनाई। जम्मू-कश्मीर में भी उनकी सीटें बढ़ीं, जबकि झारखंड में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब भाजपा ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए माइक्रो मैनेजमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


चुनावों में भाजपा की सक्रियता

चुनावों में हार-जीत अलग बात है, लेकिन भाजपा हर बार यह साबित करती है कि चुनाव कैसे लड़े जाते हैं। पार्टी के शीर्ष नेता पहले से ही चुनावी राज्यों में दौरे कर रहे हैं, प्रादेशिक पार्टियों के साथ तालमेल और सीट शेयरिंग पर चर्चा कर रहे हैं, और गठबंधन को मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं। इसी दिशा में भाजपा ने तमिलनाडु में अन्ना डीएमके के साथ तालमेल किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चेन्नई जाकर इस तालमेल की घोषणा की और हाल ही में मदुरै का दौरा किया, जहां उन्होंने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया। यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा ने अपनी सहयोगी पीएमके में चल रहे विवाद को सुलझाने में मदद की है। पीएमके के संस्थापक एस रामदॉस ने अपने बेटे अंबुमणि रामदॉस को पार्टी से हटा दिया था, लेकिन अमित शाह के दौरे के बाद यह विवाद काफी हद तक सुलझ गया है। दोनों पक्ष अब एनडीए में रहकर सीट शेयरिंग पर बातचीत करेंगे।


पश्चिम बंगाल में भाजपा की गतिविधियाँ

पिछले 10 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया है। मोदी ने अलीपुरद्वार में 29 मई को सभा की, जबकि शाह जून के पहले हफ्ते में दो दिन के दौरे पर पहुंचे। दोनों नेता पार्टी के आंतरिक मतभेदों को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही, ममता बनर्जी की सरकार को मुस्लिमपरस्त साबित करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। पड़ोसी राज्य असम में भाजपा ने राज्यसभा की एक सीट सहयोगी पार्टी असम गण परिषद के लिए छोड़ दी है। केरल में भाजपा ने तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरूर के माध्यम से अपना नैरेटिव बनाने का प्रयास किया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा का खाता खुला था और अब वह विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। ध्यान रहे कि अगले साल पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल में चुनाव होने हैं। पुड्डुचेरी में भी चुनाव होगा, जो पूरी तरह से तमिलनाडु की राजनीति से जुड़ा है।