भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति: जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की ओर बढ़ते कदम

भाजपा की अध्यक्षता में बदलाव की प्रक्रिया
भारतीय जनता पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। सोमवार को पार्टी ने कुछ राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की, और मंगलवार को और नामों की घोषणा की जाएगी, जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवश्यक संख्या पूरी हो जाएगी।
प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की आवश्यकता
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले पार्टी को अपने 37 सांगठनिक राज्यों में से कम से कम 19 में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव करना अनिवार्य है। सोमवार तक, पार्टी ने 16 राज्यों में नए या पुनः चुने गए अध्यक्षों की घोषणा की है, और मंगलवार को यह संख्या आवश्यक सीमा को पार कर जाएगी।
दक्षिण भारत में संगठनात्मक मजबूती
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा ने ऐसे नेताओं को अध्यक्ष बनाया है, जो संगठनात्मक रूप से मजबूत हैं, लेकिन सार्वजनिक पहचान में कम हैं। तेलंगाना में रामचंदर राव और आंध्र प्रदेश में पीवीएन माधव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। रामचंदर राव की नियुक्ति को संतुलन साधने वाला निर्णय माना जा रहा है, क्योंकि संगठन लंबे समय से गुटबाजी से जूझ रहा है। हालांकि, राव की नियुक्ति से भाजपा विधायक टी. राजा सिंह नाराज़ हो गए और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
महाराष्ट्र और उत्तराखंड में पुराने चेहरों की वापसी
महाराष्ट्र में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष और चार बार के विधायक रविंद्र चव्हाण को चंद्रशेखर बावनकुले की जगह पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है। चव्हाण एक प्रभावशाली मराठा नेता हैं, जो राज्य में भाजपा को सामाजिक समीकरणों में संतुलन दिला सकते हैं। उत्तराखंड में, भाजपा ने मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को एक और कार्यकाल के लिए जिम्मेदारी सौंपी है, जो जातीय संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
आंध्र प्रदेश में बदलाव की वजह
भाजपा ने आंध्र प्रदेश में लोकसभा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी को हटाकर पीवीएन माधव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। पार्टी का मानना है कि माधव एक ठोस संगठनकर्ता के रूप में राज्य में भाजपा के विस्तार में अधिक सहायक हो सकते हैं। पुरंदेश्वरी एक प्रतिष्ठित राजनीतिक नाम हैं, लेकिन भाजपा ने संगठन कौशल को वंशवाद और लोकप्रियता पर प्राथमिकता दी है।
जातीय संतुलन की रणनीति
तेलंगाना में रामचंदर राव ब्राह्मण समुदाय से हैं, जबकि आंध्र में माधव पिछड़े वर्ग से हैं। इन नियुक्तियों के माध्यम से पार्टी ने दक्षिण भारत में अपनी सामाजिक जड़ों को मजबूत करने का प्रयास किया है। महाराष्ट्र में चव्हाण मराठा समुदाय से हैं, जो राज्य की प्रमुख जातियों में से एक है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जुलाई में
इन नियुक्तियों के बाद, भाजपा अब अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर सकती है। जेपी नड्डा का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है, और यह संभावना है कि पार्टी इसी महीने नए अध्यक्ष की घोषणा कर दे।