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भाजपा संगठन चुनाव की प्रक्रिया में देरी, उप राष्ट्रपति चुनाव का असर

भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव एक बार फिर स्थगित होते दिख रहे हैं। पिछले महीने कई राज्यों में चुनाव हुए, लेकिन अब चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई है। उप राष्ट्रपति चुनाव के कारण भी स्थिति जटिल हो गई है। 2 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाया जाएगा, जिससे चुनाव कराना मुश्किल होगा। जानें आगे की संभावनाएं और जेपी नड्डा की स्थिति पर क्या असर पड़ेगा।
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भाजपा संगठन चुनाव की प्रक्रिया में देरी, उप राष्ट्रपति चुनाव का असर

भाजपा संगठन चुनाव में देरी

भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव एक बार फिर स्थगित होते दिख रहे हैं। पिछले महीने, मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक कई राज्यों में चुनाव हुए, जहां नए अध्यक्षों की नियुक्ति की गई। इसके बाद चुनाव प्रक्रिया को रोक दिया गया है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सबसे अधिक चर्चा है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कब होगा, यह भी स्पष्ट नहीं है। आशंका है कि जेपी नड्डा बिना औपचारिक चुनाव के ही अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। उनका पहला कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हुआ था और पिछले ढाई साल से वे तदर्थ अध्यक्ष बने हुए हैं।


हर घर तिरंगा अभियान का प्रभाव

भाजपा के संगठन चुनाव अब स्थगित रहेंगे। पहले से ही कहा जा रहा था कि मानसून सत्र के दौरान चुनाव नहीं होंगे। अब 2 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज्ञापन सभी अखबारों में छपा है, जिसमें इस अभियान में भाग लेने की अपील की गई है। भाजपा के नेता इस अभियान में जुटेंगे और स्वतंत्रता दिवस से पहले देशभक्ति का माहौल बनाने में लगे रहेंगे, जिससे संगठन चुनाव कराना मुश्किल होगा।


उप राष्ट्रपति चुनाव का असर

संगठन चुनाव टलने का एक और कारण उप राष्ट्रपति का चुनाव है, जो 7 अगस्त से शुरू होगा। नामांकन 21 अगस्त तक होंगे और चुनाव 9 सितंबर को होगा। हालांकि यह चुनाव चुनौतीपूर्ण नहीं है, लेकिन भाजपा नेतृत्व उप राष्ट्रपति और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को एक साथ नहीं मिलाना चाहता। सूत्रों के अनुसार, 15 अगस्त के बाद एनडीए के उम्मीदवार का नाम तय किया जाएगा।


भविष्य की अनिश्चितता

अब सवाल यह है कि क्या उप राष्ट्रपति चुनाव के बाद भाजपा के अध्यक्ष का चुनाव होगा या फिर और देरी होगी? इस पर किसी के पास स्पष्ट उत्तर नहीं है। कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव टल सकता है। जेपी नड्डा का बिहार से गहरा संबंध है, और उनकी स्थिति को बनाए रखने के लिए यह एक रणनीति हो सकती है।