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भारत-अमेरिका संबंधों में टैरिफ विवाद पर नई प्रतिक्रियाएँ

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में टैरिफ विवाद ने हाल ही में एक नया मोड़ लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही गई है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हितों की रक्षा का आश्वासन दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने इस मुद्दे पर स्पष्ट बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानें इस विवाद के पीछे की चिंताएँ और अमेरिका का दृष्टिकोण।
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भारत-अमेरिका संबंधों में टैरिफ विवाद पर नई प्रतिक्रियाएँ

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ गया है, खासकर टैरिफ और रूस के साथ व्यापार के कारण। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, भले ही इसके लिए उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़े।


अमेरिकी विदेश विभाग का बयान

इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने भारत-अमेरिका संबंधों पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की वास्तविक चिंताओं पर एक ईमानदार और स्पष्ट बातचीत है, जिसमें राष्ट्रपति ने रूसी तेल की खरीद और व्यापार असंतुलन के मुद्दों का उल्लेख किया है। इन चिंताओं का समाधान करना आवश्यक है।


स्पष्ट संवाद की आवश्यकता

टॉमी पिगॉट ने यह भी कहा कि अमेरिका अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ स्पष्ट और पूर्ण बातचीत कर रहा है। उन्होंने भारत को एक रणनीतिक साझेदार बताया और कहा कि बातचीत का यह सिलसिला जारी रहेगा।


चीन और ब्रिक्स देशों पर टिप्पणी

जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन और अन्य ब्रिक्स देश अमेरिकी व्यापार के खिलाफ विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं, तो पिगॉट ने कहा कि भारत के साथ बातचीत जारी रहेगी।


रूसी तेल और व्यापार असंतुलन पर चिंता

पिगॉट ने कहा कि राष्ट्रपति व्यापार असंतुलन और रूसी तेल की खरीद के संबंध में अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर रहे हैं और इस दिशा में कदम उठा रहे हैं।