भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव: क्या भारत को अपनी ताकत का उपयोग करना चाहिए?

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दूरियां
ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका ने भारत के प्रति एक नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन लगातार ऐसे निर्णय ले रहा है, जो भारत के हितों को प्रभावित कर रहे हैं। चाहे भारतीय नागरिकों को अमेरिका से बाहर निकालना हो, वीजा रद्द करना, छात्रों को रोकना, टैरिफ लगाना या पाकिस्तान को भारत के समकक्ष लाना, सभी कदम भारत के खिलाफ नजर आ रहे हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य राजनयिकों ने अमेरिका की यात्रा की है, लेकिन इसके बावजूद ट्रंप प्रशासन ने भारत को एक सबक सिखाने का काम किया है।
पाकिस्तान को अमेरिका का समर्थन
हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अपने आर्मी डे परेड में आमंत्रित किया है और पाकिस्तान को अपना सामरिक सहयोगी बताया है। यह स्थिति भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक विफलता है। चीन ने अमेरिका को अपने दुर्लभ तत्वों के माध्यम से झुका दिया है और अपनी शर्तों पर व्यापार संधि की है, जबकि भारत अमेरिका के सामने झुकता जा रहा है। क्या भारत अपने 145 करोड़ लोगों के विशाल बाजार का उपयोग करके अमेरिका और अन्य देशों को प्रभावित नहीं कर सकता? अमेरिका के कई प्रमुख उद्योगपतियों जैसे बिल गेट्स, मार्क जकरबर्ग, जेफ बेजोस और टिम कुक के व्यवसाय में भारत का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत को अपनी इस शक्ति का कूटनीतिक लाभ उठाना चाहिए।