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भारत-इंग्लैंड टेस्ट में धर्मसेना का विवादास्पद LBW निर्णय

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे ऐतिहासिक एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के अंतिम टेस्ट में अंपायर कुमार धर्मसेना के विवादास्पद LBW निर्णय ने क्रिकेट प्रेमियों में हलचल मचा दी है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने धर्मसेना की आलोचना की है, जिससे यह मामला और भी गरमा गया है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएँ।
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भारत-इंग्लैंड टेस्ट में धर्मसेना का विवादास्पद LBW निर्णय

धर्मसेना की चूक ने मचाई हलचल

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही ऐतिहासिक एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के अंतिम टेस्ट मैच के पहले दिन श्रीलंकाई अंपायर कुमार धर्मसेना की एक बड़ी गलती ने क्रिकेट प्रेमियों में हलचल पैदा कर दी। यह विवादास्पद घटना 13वें ओवर की दूसरी गेंद पर हुई, जब इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोश टंग ने साई सुदर्शन के खिलाफ एक तेज इनस्विंग यॉर्कर फेंकी।


इस गेंद ने सुदर्शन को पूरी तरह से चकमा दे दिया और वे गेंद को खेलते समय अपना संतुलन खो बैठे। गेंद उनके पैड के निचले हिस्से पर जाकर टकराई, जिसके बाद इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने जोरदार अपील की। अंपायर धर्मसेना ने तुरंत LBW की अपील को ठुकरा दिया और अपने हाथों से "इनसाइड एज" का इशारा किया। रीप्ले में यह स्पष्ट हुआ कि गेंद वास्तव में सुदर्शन के बल्ले से हल्की सी छूकर गई थी, जिसके कारण वे LBW आउट होने से बच गए।


सोशल मीडिया पर विवाद


हालांकि, धर्मसेना का यह इशारा डीआरएस प्रोटोकॉल के खिलाफ माना जा रहा है, क्योंकि अंपायर्स को अपील के दौरान इस तरह करने की अनुमति नहीं है। सामान्यतः, अंपायर्स को 15 सेकंड के डीआरएस टाइमर के समाप्त होने तक इंतजार करना होता है, ताकि फील्डिंग टीम स्वयं रिव्यू लेने का निर्णय कर सके। धर्मसेना के इस इशारे ने इंग्लैंड को रिव्यू लेने से रोका, जिसके कारण उन्हें एक रिव्यू खोने से बचने का मौका मिला।


इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने धर्मसेना की आलोचना शुरू कर दी। कई भारतीय प्रशंसकों ने इसे "पक्षपातपूर्ण" करार दिया और आरोप लगाया कि धर्मसेना ने इंग्लैंड को अनुचित लाभ पहुंचाया। एक प्रशंसक ने ट्वीट किया, "श्रीलंकाई अंपायर कुमार धर्मसेना ने इंग्लिश गेंदबाज को बल्ले का किनारा होने का इशारा क्यों किया? यह ICC के नियमों का उल्लंघन है।" एक अन्य यूजर ने लिखा, "यह अंपायर का काम नहीं है कि वह फील्डिंग टीम को रिव्यू लेने से रोके। यह पूरी तरह से गलत है।"