Newzfatafatlogo

भारत-इजरायल रक्षा सहयोग में नया अध्याय: बराक-8 प्रणाली का सफल परीक्षण

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, इजरायली वायुसेना ने पहली बार भारत-इजरायल द्वारा विकसित बराक-8 वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग किया। इस प्रणाली ने एक ईरानी ड्रोन को सफलतापूर्वक नष्ट किया, जो भारत और इजरायल के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करता है। जानिए इस प्रणाली की विशेषताएँ, निर्माण प्रक्रिया और भारत में इसके परीक्षण के बारे में।
 | 
भारत-इजरायल रक्षा सहयोग में नया अध्याय: बराक-8 प्रणाली का सफल परीक्षण

इजरायल और ईरान के बीच तनाव के बीच बराक-8 का उपयोग

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के चलते, इजरायली वायुसेना ने पहली बार भारत-इजरायल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित बराक-8 वायु रक्षा प्रणाली का युद्ध स्तर पर प्रयोग किया है। इस प्रणाली ने इजरायल के हवाई क्षेत्र में घुसे एक ईरानी ड्रोन को सफलतापूर्वक नष्ट किया। यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि भारत और इजरायल के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग की एक महत्वपूर्ण मिसाल भी बन गई है।


बराक-8 प्रणाली की विशेषताएँ और विकास

बराक-8 प्रणाली की ताकत और निर्माण प्रक्रिया


बराक-8, जिसे मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल के नाम से भी जाना जाता है, का विकास भारत के DRDO और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने मिलकर किया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 100 किलोमीटर तक है और यह 360 डिग्री कवरेज के साथ कई लक्ष्यों को एक साथ भेदने में सक्षम है। यह प्रणाली विशेष रूप से आधुनिक हवाई खतरों जैसे ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल, लड़ाकू विमान और यहां तक कि बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है।


भारत में परीक्षण और तैनाती

भारत में परीक्षण और तैनाती


बराक-8 प्रणाली को भारतीय वायुसेना, नौसेना और थलसेना में विभिन्न संस्करणों के साथ शामिल किया गया है। INS कोलकाता, INS चेन्नई, विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर और प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स पर इसका सफल परीक्षण किया गया है। हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान, इसका उपयोग करते हुए हरियाणा में एक पाकिस्तानी मिसाइल को सिरसा के ऊपर रोका गया था।


मेक इन इंडिया के तहत निर्माण

मेक इन इंडिया के तहत हुआ निर्माण


इस मिसाइल का निर्माण भारत में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, एलएंडटी और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स जैसी कंपनियों द्वारा किया गया है। 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत, यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता को भी मजबूत करता है। 2021 में जैसलमेर में आयोजित एक कार्यक्रम में पहली फायरिंग यूनिट भारतीय वायुसेना को सौंपी गई थी।


रणनीतिक महत्व और वैश्विक मान्यता

रणनीतिक महत्व और वैश्विक मान्यता


बराक-8 का उपयोग इजरायल ने ईरानी ड्रोन को निष्क्रिय करने के लिए किया, जिससे इसके वास्तविक युद्ध में प्रभाव की पुष्टि होती है। इस कदम से भारत-इजरायल की सैन्य साझेदारी को नई रणनीतिक दिशा मिली है।