भारत-ओमान संबंधों को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक समझौता
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत और ओमान के बीच कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) दोनों देशों के साझा भविष्य का खाका प्रस्तुत करता है, जो आने वाले दशक में द्विपक्षीय संबंधों की दिशा को निर्धारित करेगा।
भारत-ओमान बिजनेस समिट में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज हम एक महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं, जिसकी गूंज आने वाले दशकों तक सुनाई देगी। यह समझौता 21वीं सदी में हमें नई ऊर्जा और विश्वास प्रदान करेगा। इससे व्यापार में वृद्धि होगी, निवेश को नया प्रोत्साहन मिलेगा और विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे।
उन्होंने व्यापारिक नेताओं से आग्रह किया कि वे इस समिट के अवसर का लाभ उठाकर व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करें।
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं। हमारे व्यापारिक संबंधों में पीढ़ियों का विश्वास है और हम एक-दूसरे के बाजारों को अच्छी तरह समझते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह समिट भारत-ओमान की साझेदारी को और मजबूत करेगी और एक नई दिशा प्रदान करेगी। इसमें आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।”
पीएम मोदी ने व्यापारिक नेताओं से कहा कि वे भारत-ओमान व्यापार की समृद्ध विरासत के उत्तराधिकारी हैं, जिसका एक लंबा और शानदार इतिहास है।
उन्होंने कहा, “सभ्यता की शुरुआत से ही हमारे पूर्वज एक-दूसरे के साथ समुद्री व्यापार करते आ रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा, “मांडवी और मस्कट के बीच अरब सागर एक मजबूत पुल बन गया है। आज हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि समुद्र की लहरें बदल सकती हैं, मौसम बदल सकता है, लेकिन भारत-ओमान की मित्रता हर मौसम में और मजबूत होती है और हर लहर के साथ नई ऊंचाइयों को छूती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के विकास से उसके साझेदारों को भी लाभ होगा। भारत का स्वभाव हमेशा से प्रगतिशील और आत्मनिर्भर रहा है। जब भी भारत आगे बढ़ता है, वह अपने मित्रों को भी आगे बढ़ने में मदद करता है।
पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद है, लेकिन ओमान के लिए यह और भी अधिक लाभकारी है क्योंकि हम न केवल करीबी दोस्त हैं, बल्कि समुद्री पड़ोसी भी हैं।”
