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भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में नई शुरुआत

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मलेशिया में आयोजित 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस में अमेरिका के साथ 10 साल की रक्षा साझेदारी की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए। इस बैठक में सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की गई और यह भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। जानें इस बैठक के प्रमुख बिंदुओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
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भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में नई शुरुआत

कुआलालंपुर में एडीएमएम-प्लस बैठक

कुआलालंपुर - मलेशिया में 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) का आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मलेशिया पहुंचे हैं। उन्होंने शुक्रवार को कुआलालंपुर में अमेरिकी रक्षा सचिव पीटर हेगसेथ के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।


आसियान रक्षा मंत्रियों की यह बैठक सुरक्षा मुद्दों पर बहुपक्षीय चर्चा का एक मंच है। इस संदर्भ में, रक्षा मंत्री सिंह और हेगसेथ के बीच यह बैठक सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए आयोजित की गई थी। राजनाथ सिंह ने बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए एक्स पर लिखा, "कुआलालंपुर में पीटर हेगसेथ के साथ एक उपयोगी बैठक हुई। हमने 10 साल के 'अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा' पर हस्ताक्षर किए। यह हमारी पहले से मजबूत रक्षा साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह रक्षा रूपरेखा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के सभी पहलुओं को नीति दिशा प्रदान करेगी।" उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा।


उन्होंने आगे कहा कि एक स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।


इससे पहले, हेगसेथ ने अपने मलेशियाई और चीनी समकक्षों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ अपनी बातचीत की जानकारी साझा करते हुए हेगसेथ ने लिखा, "आज, मैंने आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की। यह एक सकारात्मक और रचनात्मक बैठक थी। मैंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और दक्षिण चीन सागर, ताइवान के आसपास और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सहयोगियों और साझेदारों के प्रति चीन की गतिविधियों के बारे में अमेरिकी चिंताओं को साझा किया।"


उन्होंने यह भी कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन वह अपने हितों की रक्षा करेगा और सुनिश्चित करेगा कि क्षेत्र में उसके पास ऐसा करने की क्षमता हो।"


गौरतलब है कि राजनाथ सिंह एडीएमएम-प्लस में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर मलेशिया पहुंचे हैं। मलेशिया में भारत के उच्चायुक्त बीएन रेड्डी ने सुबांग एयरबेस पर उनका स्वागत किया। कुआलालंपुर में आयोजित हो रहे 12वें एडीएमएम-प्लस में आसियान सदस्य देशों और भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित आठ संवाद भागीदारों के बीच चर्चा होगी। राजनाथ सिंह द्वारा 'एडीएमएम-प्लस के 15 वर्षों पर चिंतन और आगे का रास्ता तैयार करना' विषय पर मंच को संबोधित करने की उम्मीद है।


अपनी यात्रा के दौरान, राजनाथ सिंह सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के रक्षा मंत्रियों और वरिष्ठ नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। भारत 1992 से आसियान का एक संवाद साझेदार है। एडीएमएम-प्लस की स्थापना 2010 में की गई थी और तब से भारत की इसमें सक्रिय भूमिका रही है। वर्तमान (2024-2027) में, भारत और मलेशिया आतंकवाद-निरोध पर विशेषज्ञ कार्य समूह के सह-अध्यक्ष हैं। अगला आसियान-भारत समुद्री अभ्यास 2026 में आयोजित किया जाएगा।