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भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर के साथ चेकर्स एस्टेट में मुलाकात की, जहां भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा, जिससे भारतीय निर्यात को लाभ होगा और ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करना आसान होगा। जानें इस महत्वपूर्ण समझौते के पीछे की कहानी और इसके संभावित लाभ।
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भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री मोदी की कीर स्टारमर से मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चेकर्स एस्टेट में अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर से बातचीत की। चेकर्स एस्टेट, ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास है, जो लंदन से लगभग 50 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। मोदी बुधवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत लंदन पहुंचे थे, जो कि उनकी यूके की चौथी यात्रा है। लंदन पहुंचने पर, उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह यात्रा हमारे देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनका ध्यान लोगों की समृद्धि, विकास और रोजगार सृजन पर केंद्रित होगा। भारत-यूके की मजबूत मित्रता वैश्विक प्रगति के लिए आवश्यक है। 


भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर

भारत, ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर


प्रधानमंत्री मोदी और कीर स्टारमर की बैठक के दौरान, भारत और ब्रिटेन ने तीन वर्षों की बातचीत के बाद एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों ने इस साल मई में इस समझौते पर सहमति जताई थी, जिससे 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को टैरिफ में लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, यह ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में कार, व्हिस्की और अन्य उत्पादों का निर्यात करना भी सरल बनाएगा। कीर स्टारमर ने पहले इस एफटीए की सराहना करते हुए इसे एक ऐतिहासिक समझौता बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता ब्रिटेन में रोजगार, निवेश और विकास को बढ़ावा देगा, जिससे हजारों नए रोजगार सृजित होंगे और व्यवसायों के लिए नए अवसर खुलेंगे। 


व्यापार समझौतों के लाभ

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण लाभ लाएगा। उन्होंने बताया कि यह डील मजदूरों की तनख्वाह बढ़ाएगी, जीवन स्तर में सुधार करेगी और कामकाजी लोगों की जेब में अधिक पैसा डालेगी। मोदी की ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने व्यापार समझौते के लिए वार्ता के समापन की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने सामाजिक सुरक्षा कोष में दोहरे अंशदान से बचने के लिए एक समझौते पर भी बातचीत पूरी की। इस प्रकार के व्यापार समझौतों में, दोनों देश अधिकतम वस्तुओं पर सीमा शुल्क को समाप्त या कम कर देते हैं, जिससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।