भारत और ब्रिटेन के बीच नया मुक्त व्यापार समझौता: आर्थिक रिश्तों में मजबूती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा
PM नरेंद्र मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौता (FTA) होने जा रहा है। यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और अधिक मजबूत करेगा। इस समझौते से कारों, व्हिस्की, कपड़ों, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और अन्य कई क्षेत्रों में लाभ की उम्मीद है।
लगभग तीन वर्षों की बातचीत के बाद, मई में इस समझौते पर सहमति बनी। भारत की कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है, लेकिन ब्रिटेन की संसद से भी इसे स्वीकृति मिलनी आवश्यक है, जो अगले एक वर्ष में संभव है। दोनों देशों के बीच व्यापार का आंकड़ा 50 अरब डॉलर से अधिक है, और ब्रिटेन भारत का छठा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। इस समझौते से व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा।
भारत को मिलने वाले लाभ
1. निर्यात पर शून्य कर
भारत के 99% निर्यात पर ब्रिटेन में कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा। कपड़ा, जूते, ज्वैलरी और ऑटो पार्ट्स जैसे उत्पादों पर वर्तमान में 4-16% शुल्क लगता है, जो अब समाप्त हो जाएगा। इससे भारतीय कंपनियों जैसे वेलस्पन इंडिया, अरविंद, रेमंड और वर्धमान को लाभ होगा। जूता निर्माता कंपनियों जैसे बाटा इंडिया और रिलैक्सो को भी ब्रिटेन के बाजार में आसानी होगी।
2. इलेक्ट्रिक वाहनों का अवसर
भारतीय इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन निर्माता, जैसे टाटा मोटर्स और महिंद्रा इलेक्ट्रिक, को ब्रिटेन के बाजार में पहुंच मिलेगी। हालांकि, यह एक कोटा प्रणाली के तहत होगा, यानी सीमित संख्या में वाहनों पर ही यह सुविधा लागू होगी।
3. वीजा और अस्थायी प्रवास में सुविधा
ब्रिटेन भारतीय व्यवसाय यात्रियों, योग प्रशिक्षकों, शेफ और संगीतकारों को अस्थायी प्रवास की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा, ब्रिटेन में अस्थायी रूप से काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं को तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट मिलेगी।
ब्रिटेन को मिलने वाले लाभ
1. कारों पर कम शुल्क
भारत में ब्रिटिश कारों पर वर्तमान में 100% आयात शुल्क है, जो अब घटकर 10% हो जाएगा। हालांकि, यह छूट एक कोटा प्रणाली के तहत होगी, यानी सीमित संख्या में कारों पर ही लागू होगी। इस सुविधा का लाभ एस्टन मार्टिन और टाटा के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों को मिलेगा।
2. व्हिस्की पर कम कर
स्कॉच व्हिस्की पर भारत में लगने वाला 150% आयात शुल्क तुरंत घटकर 75% हो जाएगा और अगले दस वर्षों में यह 40% तक कम होगा। इससे डियाजियो जैसी ब्रिटिश कंपनियों, जो जॉनी वॉकर जैसे ब्रांड बनाती हैं, को बड़ा लाभ होगा।
3. सरकारी टेंडर में भागीदारी
भारत ब्रिटिश सप्लायर्स को 200 करोड़ रुपये तक के गैर-संवेदनशील सरकारी टेंडर में भाग लेने की अनुमति देगा। इससे ब्रिटिश कंपनियों को भारत में कारोबारी अवसर प्राप्त होंगे।