भारत का पहला ह्यूमनॉइड रोबोट व्योमित्रा: गगनयान मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा

इसरो का नया ह्यूमनॉइड रोबोट व्योमित्रा
भारत का पहला ह्यूमनॉइड रोबोट व्योमित्रा अंतरिक्ष में भेजा जाएगा
नई दिल्ली : भारत इस दिसंबर में अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने गगनयान मिशन के तहत पहला महिला स्वरूप ह्यूमनॉइड रोबोट व्योमित्रा को अंतरिक्ष में भेजेगा। यह रोबोट मानव दल को भेजने से पहले विभिन्न पर्यावरणीय परीक्षण करेगा और अंतरिक्ष अन्वेषण में सहायता करेगा। व्योमित्रा भारत का पहला ऐसा ह्यूमनॉइड है जिसे मानव अंतरिक्ष मिशनों में सहयोग के लिए विकसित किया गया है। यह इंसानों की तरह हावभाव, संवाद और बुद्धिमत्ता के साथ गगनयान मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
व्योमित्रा की विशेषताएँ
व्योमित्रा केवल एक परीक्षण डमी नहीं है, बल्कि यह एक सेमी-ह्यूमनॉइड रोबोट है जिसमें उन्नत सेंसर, वॉइस रिकग्निशन सिस्टम और निर्णय लेने के लिए एल्गोरिदम जैसी विशेषताएँ शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों की यात्रा से पहले मानव कार्यों का पालन करना और अंतरिक्ष यान के क्रू मॉड्यूल सिस्टम्स को मान्य करना है। ISRO का कहना है कि गगनयान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को, जिन्हें वे ह्यव्योमानॉट्स कहते हैं, पहली बार लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजेगा। इसके पहले, कई बिना क्रू वाले परीक्षण उड़ानों की योजना बनाई जा रही है, जिसमें व्योमित्रा भी शामिल होगा।
व्योमित्रा का इतिहास
इसरो ने व्योमित्रा को 2020 की शुरुआत में पेश किया था। इसका नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसमें 'व्योमा' का अर्थ है अंतरिक्ष और 'मित्रा' का अर्थ है मित्र। यह महिला स्वरूप ह्यूमनॉइड रोबोट अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक बुद्धिमान साथी के रूप में डिजाइन किया गया है, जो भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष यान में यांत्रिक कार्यों और संचार से जुड़ी जिम्मेदारियों को संभालेगा।