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भारत का रूस से तेल खरीदने का निर्णय अमेरिका को परेशान कर रहा है

भारत ने रूस से तेल खरीदने के अपने निर्णय को स्पष्ट किया है, जिससे अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। ट्रंप प्रशासन के एक मंत्री ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद कर रहा है। इस पर भारत ने अपनी नीति पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है, और रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए अमेरिका की क्या योजनाएँ हैं।
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भारत का रूस से तेल खरीदने का निर्णय अमेरिका को परेशान कर रहा है

भारत का स्पष्ट रुख

भारत-रूस तेल व्यापार: भारत ने रूस से तेल खरीदने के अपने निर्णय को स्पष्ट कर दिया है। हाल ही में आई रिपोर्टों में कहा गया था कि ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बाद भारत इस व्यापार को रोक सकता है। हालांकि, भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। इस निर्णय से अमेरिका के एक मंत्री ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। स्टीफन मिलर ने कहा कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद कर रहा है।


अमेरिका की प्रतिक्रिया

भारत के निर्णय से अमेरिका की चिंता


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनियों के बावजूद, भारत ने रूस से तेल खरीदने का निर्णय नहीं बदला है। इससे अमेरिका की चिंता स्पष्ट है। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप के प्रमुख सलाहकार स्टीफन मिलर ने कहा कि 'भारत का रूस से तेल खरीदना अस्वीकार्य है। भारत इस तरह से युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय सहायता दे रहा है।'


उन्होंने यह भी कहा कि 'भारत को अपनी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।' हालांकि, मिलर ने यह भी कहा कि 'ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच अच्छे संबंध हैं।' ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि रूस शांति समझौते पर सहमत नहीं होता है, तो उन देशों पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा जो रूस से तेल खरीदते हैं।


रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा

संघर्ष का समाधान


रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष कई वर्षों से जारी है। ट्रंप ने 8 अगस्त तक सीजफायर का लक्ष्य रखा है। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ वार्ता के लिए मॉस्को पहुंच चुके हैं। ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि कोई प्रगति नहीं होती है, तो रूस पर नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। विटकॉफ पुतिन से मुलाकात कर युद्ध समाप्त करने की कोशिश करेंगे, जिसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।