भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लंदन में आतंकवाद के खिलाफ उठाएगा आवाज़

भारत का आतंकवाद विरोधी मिशन
भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को वैश्विक स्तर पर उजागर करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश यात्रा पर निकला है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद कर रहे हैं। उनके साथ पूर्व मंत्री एमजे अकबर भी हैं, जिन्होंने लंदन में पाकिस्तान की नीतियों पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व हिंसा और दंगों की नींव पर आधारित है, न कि किसी लोकप्रिय आंदोलन से।
पाकिस्तान की हिंसक विरासत
एमजे अकबर ने लंदन में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की नींव 1946 के कलकत्ता हत्याकांड के बाद रखी गई थी और 1971 के ढाका हत्याकांड के बाद इसकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई। इसके बावजूद, पाकिस्तान ने अपनी हिंसक नीतियों को नहीं बदला। उन्होंने यह भी कहा कि यह हिंसा पाकिस्तान के शासक वर्ग की विरासत बन गई है।
महात्मा गांधी का दृष्टिकोण
अकबर ने महात्मा गांधी के विचारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि गांधी जी ने 1947 में आतंकवाद के खिलाफ अहिंसा की नीति को छोड़ दिया था। उस समय पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए आतंकवादियों को भेजा था। गांधी जी ने लार्ड माउंटबेटन से बातचीत में कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ हमें कड़ा संघर्ष करना होगा।
प्रतिनिधिमंडल की संरचना
इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में रविशंकर प्रसाद के अलावा प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खटाना, डी पुरंदेश्वरी, अमर सिंह, समिक भट्टाचार्य, एम थंबीदुरई, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर और राजदूत पंकज सरन शामिल हैं। यह दल विभिन्न सामुदायिक समूहों, थिंक टैंकों, सांसदों और प्रवासी नेताओं से मिलकर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रहा है।
लंदन में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत
प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम लंदन पहुंचा, जहां उनका स्वागत भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने किया। यह टीम 31 मई से 3 जून तक लंदन में विभिन्न कार्यक्रमों और चर्चाओं में भाग लेगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती से पेश करना और पाकिस्तान की हिंसक नीतियों को उजागर करना है।
भारत का आतंकवाद के प्रति दृढ़ रुख
भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाया है और यह प्रतिनिधिमंडल भी उसी नीति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी ढंग से व्यक्त कर रहा है। इस प्रकार के वैश्विक प्रयास से आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता बढ़ेगी और भारत के समर्थन में एक मजबूत कूटनीतिक आधार बनेगा।