भारत की आत्मनिर्भरता के लिए तकनीकी और आर्थिक मजबूती की आवश्यकता: नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वैश्विक मंच पर दादागिरी करने वाले देशों की आर्थिक ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के निर्यात को बढ़ाने और आत्मनिर्भरता के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। गडकरी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक ही वैश्विक समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। उनकी टिप्पणियाँ भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के संदर्भ में आई हैं, जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा दिया। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों की स्थिति।
Aug 11, 2025, 12:21 IST
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गडकरी का वैश्विक मंच पर दादागिरी पर बयान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कुछ देश अपनी आर्थिक शक्ति और तकनीकी कौशल के चलते वैश्विक स्तर पर दादागिरी कर रहे हैं। उन्होंने भारत के निर्यात को बढ़ाने, आयात को कम करने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को सशक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके। नागपुर में विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) में अपने संबोधन में, गडकरी ने कहा कि वैश्विक सम्मान केवल आर्थिक मजबूती और नवाचार से ही प्राप्त होता है। उन्होंने कहा, "जो देश दादागिरी कर रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हैं और उनके पास तकनीक है। अगर हमें बेहतर तकनीक और संसाधन मिल जाएँ, तो हम किसी पर दबाव नहीं बनाएंगे, क्योंकि हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि विश्व कल्याण सबसे महत्वपूर्ण है।
आत्मनिर्भरता और व्यापारिक तनाव
आत्मनिर्भरता के महत्व पर चर्चा करते हुए, गडकरी ने कहा कि विज्ञान, तकनीक और ज्ञान ही वैश्विक समस्याओं के समाधान की कुंजी हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि हमारे निर्यात और अर्थव्यवस्था की दर में वृद्धि होती है, तो हमें किसी अन्य देश की ओर देखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। गडकरी की यह टिप्पणी भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के संदर्भ में आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुँच गया। यह वृद्धि भारत के लिए कपड़ा, रत्न, दवा और ऑटो पार्ट्स जैसे कई क्षेत्रों में सबसे बड़ी है, जिससे भारत अमेरिका के सबसे अधिक कर वाले व्यापारिक साझेदारों में से एक बन गया है।
अमेरिका का रूसी तेल पर ध्यान
व्हाइट हाउस ने इस कदम को भारत द्वारा रूसी तेल के निरंतर आयात से जोड़ा है, जबकि अमेरिका ने इस खरीद में कटौती करने का दबाव डाला है। भारत ने इस आयात को अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया है और अमेरिका तथा यूरोपीय संघ पर उसे अनुचित रूप से अलग-थलग करने का आरोप लगाया है, जबकि अन्य देशों को इस तरह के दंड का सामना नहीं करना पड़ा है। टैरिफ में वृद्धि ने नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच दो दशकों में सबसे गंभीर कूटनीतिक दरार पैदा कर दी है। अमेरिका ने चल रही व्यापार वार्ता को स्थगित कर दिया है और आगे और प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।