भारत की कूटनीतिक जीत: कोलंबिया ने पाकिस्तान के पक्ष में बयान वापस लिया
भारत ने कूटनीति में हासिल की बड़ी सफलता
भारत ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया पहुंचा और वहां पाकिस्तान के पक्ष में दिए गए बयान पर अपनी चिंता व्यक्त की। इसके परिणामस्वरूप, कोलंबिया ने उस बयान को वापस ले लिया जिसमें उसने भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना प्रकट की थी.
थरूर ने भारत का पक्ष रखा, कोलंबिया ने गलती मानी
कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद कहा कि उन्हें अब भारत की स्थिति और कश्मीर में हालात की बेहतर समझ हो गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोलंबिया भारत से मिली जानकारी के आधार पर संवाद जारी रखेगा.
भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति पर चर्चा
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद, यह प्रतिनिधिमंडल अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति से अवगत कराने के लिए विदेश यात्रा पर निकला है। थरूर ने सीमापार आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका और भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति को कोलंबिया में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने प्रेस वार्ता में बताया कि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए भारत में हुए आतंकवादी हमलों और उनके पीछे पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया.
'हमलावर और आत्मरक्षा करने वालों में अंतर'
तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमलावर और आत्मरक्षा करने वाले में स्पष्ट अंतर होता है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा। प्रतिनिधिमंडल इससे पहले गुयाना और पनामा का दौरा कर चुका है.
पूर्व राष्ट्रपति से महत्वपूर्ण मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति और लिबरल पार्टी के प्रमुख सीजर गाविरिया से भी मुलाकात की। गाविरिया ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन किया.
ब्राजील और अमेरिका की ओर बढ़ते कदम
प्रतिनिधिमंडल अब ब्राजील की ओर रवाना होगा और यात्रा के अंतिम चरण में अमेरिका का दौरा करेगा। इस यात्रा का उद्देश्य दुनिया को भारत की सुरक्षा नीति और आतंकवाद पर सख्त रुख से अवगत कराना है.
