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भारत की कूटनीतिक रणनीति: ब्रासीलिया से अमेरिका तक आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक मोर्चे पर घेरने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है। कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ब्रासीलिया में है, जहां वे दुनिया को यह संदेश दे रहे हैं कि भारत युद्ध नहीं चाहता, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। थरूर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के दावों को खारिज किया और कहा कि भारत को किसी मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं थी। अमेरिका में होने वाली आगामी बैठकें भी महत्वपूर्ण होंगी, जहां भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल आमने-सामने होंगे।
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भारत की कूटनीतिक रणनीति: ब्रासीलिया से अमेरिका तक आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश

भारत की कूटनीतिक पहल

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर घेरने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। कांग्रेस के नेता शशि थरूर की अगुवाई में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल वर्तमान में ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में मौजूद है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ उसकी कार्रवाई पूरी तरह से उचित और आत्मरक्षा में थी.


थरूर का अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर जवाब

ब्रासीलिया में मीडिया से बातचीत करते हुए, थरूर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों को सख्त लेकिन संतुलित तरीके से खारिज किया। ट्रंप ने बार-बार यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की और दोनों देशों को व्यापार बंद करने की चेतावनी दी। इस पर थरूर ने कहा, "हम अमेरिका के राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं थी। भारत ने खुद संयम बनाए रखने का निर्णय लिया था।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को समझाने की आवश्यकता थी, तो वह पाकिस्तान था, भारत नहीं.


अमेरिका में महत्वपूर्ण संवाद

ब्रासीलिया के बाद, भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका की यात्रा करेगा। थरूर ने बताया कि उनकी टीम वहां के वरिष्ठ अधिकारियों, सीनेटरों, कांग्रेस के सदस्यों और प्रभावशाली थिंक टैंकों से मुलाकात करेगी। इसके अलावा, थरूर को कई अमेरिकी मीडिया चैनलों और पॉडकास्टर्स के साथ इंटरव्यू देने के लिए भी आमंत्रित किया गया है, ताकि भारत का दृष्टिकोण अमेरिकी जनता तक सीधे पहुंच सके.


भारत और पाकिस्तान का कूटनीतिक मुकाबला

दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका में भारत के साथ पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहेगा। थरूर ने इसे 'दिलचस्प टकराव' बताया और कहा कि अब देखना होगा कि किसका संदेश वैश्विक समुदाय तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का डेलिगेशन केवल वाशिंगटन तक सीमित नहीं है, बल्कि वह ब्राजीलिया, न्यूयॉर्क और अन्य महत्वपूर्ण राजधानियों में भी सक्रियता दिखा रहा है.


आतंकवाद पर भारत की स्पष्ट नीति

शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताना है कि ऑपरेशन सिंदूर कोई युद्ध की शुरुआत नहीं थी, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक प्रतिक्रिया थी। यदि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई नहीं करता, तो भारत भी आगे नहीं बढ़ता। भारत की नीति हमेशा आत्मरक्षा और जिम्मेदारी के साथ रही है.