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भारत की विदेश नीति: जयशंकर का विपक्ष पर हमला

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने यूपीए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और पाकिस्तान-चीन गठजोड़ को भारत के लिए चुनौती बताया। राहुल गांधी के दावों का जवाब देते हुए, जयशंकर ने वर्तमान सरकार की विदेश नीति को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील की, यह कहते हुए कि देशहित से ऊपर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
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भारत की विदेश नीति: जयशंकर का विपक्ष पर हमला

पाक-चीन गठजोड़ पर चर्चा

पाक-चीन गठजोड़: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच एक प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए सरकार की गलत नीतियों के कारण पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत के हाथ से निकल गया, जिससे आज पाकिस्तान और चीन का गठजोड़ भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।


राहुल गांधी के दावों का जवाब

राहुल गांधी के दावों पर जयशंकर का पलटवार: राहुल गांधी ने हाल ही में संसद के मानसून सत्र में कहा था कि भारत पाकिस्तान से लड़ने की योजना बना रहा है, जबकि असल में वह चीन से मुकाबला कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विदेश नीति की सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान और चीन को अलग रखना था, लेकिन हम इसमें असफल रहे। इन दोनों ने मिलकर भारत की विदेश नीति को नुकसान पहुंचाया।


यूपीए की नीतियों पर सवाल उठाते हुए

यूपीए की नीतियों पर सवाल: जयशंकर ने यूपीए सरकार पर PoK को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में लिए गए गलत निर्णयों ने पाकिस्तान और चीन को एकजुट होने का अवसर दिया, जिससे भारत की सामरिक स्थिति कमजोर हुई। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार इन गलतियों को सुधारने और भारत की विदेश नीति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।


भारत की विदेश नीति का नया दृष्टिकोण

भारत की विदेश नीति का भविष्य: जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अब एक मजबूत और आत्मनिर्भर विदेश नीति के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विपक्ष से रचनात्मक सहयोग की अपील की और कहा कि देशहित से ऊपर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।