भारत की विदेश नीति पर एस. जयशंकर का स्पष्ट बयान: अमेरिका और आतंकवाद के मुद्दे पर बेबाकी

जयशंकर का ब्रसेल्स दौरा
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में ब्रसेल्स में यूरोपीय यूनियन (EU) के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत की विदेश नीति, अमेरिका के साथ संबंधों और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख पर खुलकर अपनी राय रखी। यूरोपीय मीडिया नेटवर्क यूरएक्टिव को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि भारत अपने संबंधों को किसी एक व्यक्ति के बजाय राष्ट्रीय हितों के आधार पर विकसित करता है।
ट्रंप के बयान पर भारत की प्रतिक्रिया
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भरोसा कर सकता है, तो जयशंकर ने कूटनीतिक लेकिन स्पष्ट उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि वे दुनिया को जैसे पाते हैं, उसे स्वीकार करते हैं। उनके अनुसार, हर रिश्ता उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि वह भारत के राष्ट्रीय हितों को पूरा करता है।
हाल ही में, ट्रंप ने एक रैली में दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को व्यापार वार्ता से जोड़ा। उन्होंने कहा कि व्यापार तभी संभव है जब दोनों देश एक-दूसरे पर गोलीबारी न करें। भारत ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि मई में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद जो युद्धविराम हुआ, वह पूरी तरह से द्विपक्षीय कूटनीति का परिणाम था।
आतंकवाद पर विदेश मंत्री का कड़ा संदेश
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई पर जयशंकर ने स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यह केवल भारत और पाकिस्तान का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा है। उन्होंने पश्चिमी देशों को याद दिलाया कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के सैन्य शहर में रहता था, और यह आतंकवाद अंततः उन्हें भी प्रभावित करेगा। उनका यह बयान भारत के आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर स्पष्ट और निर्णायक स्टैंड को दर्शाता है।
भारत-ईयू संबंधों पर ध्यान
जयशंकर ने यूरोपीय यूनियन के साथ संबंधों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था पहले से ही आकार ले चुकी है और यूरोप को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता के साथ निर्णय लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि वे वहां हैं - भारत और यूरोप के रिश्तों को इस बहुध्रुवीय दुनिया में और मजबूत करने के लिए।