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भारत की शिक्षा प्रणाली में स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता: नीति आयोग के सीईओ की चेतावनी

नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने भारत की शिक्षा प्रणाली में स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्किलिंग को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा नहीं बनाया गया, तो भारत का जनसांख्यिकीय लाभ 'डेमोग्राफिक कर्स' में बदल सकता है। सुब्रमण्यम ने युवाओं और किसानों के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला, साथ ही AI के प्रभाव पर चर्चा की।
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भारत की शिक्षा प्रणाली में स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता: नीति आयोग के सीईओ की चेतावनी

नीति आयोग के सीईओ की चेतावनी


नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने हाल ही में चेतावनी दी है कि भारत की शिक्षा प्रणाली युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने में असफल हो रही है। उन्होंने कहा कि स्किलिंग को अभी भी एक 'अतिरिक्त गतिविधि' के रूप में देखा जा रहा है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार या कम वेतन वाली नौकरियों में फंसे हुए हैं। सुब्रमण्यम ने यह भी कहा कि स्किल डेवलपमेंट को शिक्षा के एक अनिवार्य हिस्से के रूप में शामिल करना आवश्यक है, अन्यथा भारत का जनसांख्यिकीय लाभ 'डेमोग्राफिक कर्स' में बदल सकता है।


स्किलिंग को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाना होगा

सुब्रमण्यम ने बताया कि भारत की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट को अलग-अलग धाराओं में बांट दिया गया है। स्किलिंग को एक पूरक गतिविधि माना जाता है, जबकि इसे शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि स्किल ट्रेनिंग को स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि सभी आयु वर्ग के लोग—चाहे उनकी उम्र 20 हो या 60—अपनी रोजगार क्षमता को बढ़ा सकें।


किसानों के लिए भी आवश्यक है प्रशिक्षण

नीति आयोग के प्रमुख ने यह भी कहा कि केवल युवाओं को ही नहीं, बल्कि देश के लगभग 50 करोड़ किसानों को भी आधुनिक कृषि तकनीक और प्रबंधन की ट्रेनिंग की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बिना कुशल खेती के कृषि उत्पादकता को लंबे समय तक बनाए रखना कठिन होगा। सुब्रमण्यम का मानना है कि किसानों को भी एक संरचित स्किलिंग प्रोग्राम का हिस्सा बनाना होगा, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके।


युवाओं को रोजगार योग्य बनाना आवश्यक

सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत इस समय एक 'टर्निंग पॉइंट' पर खड़ा है। जनसंख्या के संदर्भ में भारत के पास एक बड़ी ताकत है, लेकिन यदि इस युवा वर्ग को रोजगार योग्य नहीं बनाया गया, तो यह लाभ नुकसान में बदल सकता है। उन्होंने कहा, 'यदि हमने अपने लोगों में निवेश नहीं किया, तो डेमोग्राफिक डिविडेंड एक डेमोग्राफिक कर्स बन जाएगा।' उनका मानना है कि एक कुशल और सशक्त कार्यबल ही भारत को 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बना सकता है।


AI का प्रभाव

सुब्रमण्यम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में कहा कि यह नौकरियों को समाप्त नहीं करेगा, बल्कि भूमिकाओं को बदल देगा। उनके अनुसार, AI लगभग 40 लाख नौकरियों को प्रभावित करेगा, लेकिन इसके साथ ही 60 लाख नए रोजगार अवसर भी उत्पन्न होंगे—यह इस बात पर निर्भर करेगा कि लोग समय पर री-स्किल और अप-स्किल कर सकें। उन्होंने जोर दिया कि भारत को एक ऐसा राष्ट्रीय ढांचा बनाना चाहिए जो शिक्षा, स्किलिंग और रोजगार को आपस में जोड़ सके।