Newzfatafatlogo

भारत के अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलीवरी में तुर्की का रोड़ा

भारत ने बोइंग के अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए नए ऑर्डर दिए हैं, लेकिन तुर्की ने एयरस्पेस की अनुमति वापस ले ली है, जिससे डिलीवरी में देरी हो रही है। हाल ही में भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन को नष्ट किया, जिससे तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन नाराज हो गए। हालांकि, भारत ने नए रूट के माध्यम से हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी सुनिश्चित करने की योजना बनाई है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में।
 | 
भारत के अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलीवरी में तुर्की का रोड़ा

भारत ने अपाचे हेलीकॉप्टर के लिए नए ऑर्डर दिए

भारत ने बोइंग के अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए इंडियन आर्मी की एविएशन विंग के लिए छह नए हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया था। इनमें से तीन हेलीकॉप्टर जुलाई 2025 में भारत पहुंच गए थे, जबकि शेष तीन नवंबर में आने वाले थे। लेकिन इस बीच एक अप्रत्याशित घटना हुई। 8 नवंबर को, जो कार्गो विमान N2O124 भारत आ रहा था, वह अचानक अमेरिका लौट गया। इसका कारण यह था कि तुर्की ने अपने एयरस्पेस की अनुमति वापस ले ली, जिसे एक अनजान लॉजिस्टिक समस्या कहा गया। दरअसल, हाल ही में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान से आ रहे ड्रोन को नष्ट किया था, जो तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को बिल्कुल पसंद नहीं आया। उन्होंने तुरंत अपने राजनैतिक गुस्से का इजहार करते हुए भारत के डिफेंस कार्गो के लिए एयरस्पेस को ब्लॉक कर दिया। 1 नवंबर को, विमान मेसा गेटवे हवाई अड्डे से उड़ान भरकर इंग्लैंड के ईस्ट मिडलैंड्स हवाई अड्डे पर पहुंचा, जहां यह आठ दिनों तक रुका रहा। 8 नवंबर को, भारत की ओर अपनी यात्रा फिर से शुरू करने के बजाय, एएन-124 विमान माल लेकर मेसा गेटवे हवाई अड्डे पर लौट आया। लेकिन तुर्की ने एक महत्वपूर्ण बात भूल गई। भारत अब किसी एक मार्ग पर निर्भर नहीं है। इस निर्णय ने तुर्की की एवीएशन इंडस्ट्री को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया, क्योंकि हर ऐसा कदम भारत जैसे बड़े बाजार को तुर्की से दूर कर देता है। 


अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलीवरी में बदलाव

हालांकि, अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलीवरी में कोई रुकावट नहीं आई है। केवल रूट में बदलाव किया जाएगा, और संभावना है कि हेलीकॉप्टर अमेरिका, इजिप्ट, सऊदी अरब के माध्यम से भारत तक पहुंचाए जाएंगे। ग्रीस और इजराइल के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं, जिससे यह लंबा लेकिन सुरक्षित मार्ग बनता है। एयरस्पेस का बंद होना भारत के लिए कोई बड़ी बाधा नहीं है, बल्कि यह केवल थोड़ी देरी है।


भारत की आर्थिक स्थिति और तुर्की की मुद्रा

भारत आज दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन चुका है और हर साल 450 बिलियन डॉलर से अधिक का निर्यात करता है। दूसरी ओर, तुर्की की मुद्रा लीरा दुनिया की सबसे तेजी से गिरती मुद्राओं में से एक है। कभी एक लीरा ₹8 के बराबर था, लेकिन अब यह केवल ₹2 के बराबर रह गया है। 2021 से अब तक, लीरा की कीमत में 60% की गिरावट आई है।