भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए और विपक्ष के बीच मुकाबला

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए 9 सितंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण मतदान होने जा रहा है। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य यह तय करेंगे कि एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन या विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी देश के अगले उपराष्ट्रपति बनेंगे.
चुनाव की प्रक्रिया
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह चुनाव केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एनडीए और विपक्ष के बीच वैचारिक संघर्ष का प्रतीक भी है। मतदान सुबह 10 बजे नए संसद भवन के वसुधा हॉल में शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा, जबकि परिणाम उसी दिन देर शाम तक घोषित होने की संभावना है.
मतदाता और प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य और राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य शामिल हैं, जिनमें 12 मनोनीत सदस्य भी हैं। कुल मिलाकर, 788 सदस्यों का निर्वाचक मंडल वर्तमान में 781 की प्रभावी संख्या के साथ मतदान करेगा। किसी उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम 391 वोटों की आवश्यकता होगी.
मतगणना की प्रक्रिया
मतगणना में पहले सभी बैलेट पेपर की छंटनी की जाएगी, जिसमें वैध और अवैध वोटों को अलग किया जाएगा। वैध वोटों की संख्या को दो से विभाजित कर एक कोटा तय किया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि 700 वैध वोट हैं, तो कोटा 351 होगा। जिस उम्मीदवार को पहली पसंद के रूप में कोटे से अधिक वोट मिलेंगे, उसे विजेता घोषित किया जाएगा.
एनडीए की रणनीति
एनडीए ने इस चुनाव के लिए व्यापक तैयारी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे वोट डालेंगे। एनडीए ने पोलिंग एजेंट के रूप में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजु, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को नियुक्त किया है.
विपक्ष की एकजुटता
विपक्ष ने भी इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने दावा किया है कि यदि सभी सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हैं, तो इंडिया ब्लॉक की जीत सुनिश्चित होगी. विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने के लिए बैठक की और मॉक मतदान में हिस्सा लिया.
उम्मीदवारों की जानकारी
एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु के प्रमुख ओबीसी समुदाय गौंडर से हैं और आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय दिए हैं.