भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन होगा अगला चेहरा? जानें संभावित उम्मीदवारों के नाम

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
उपराष्ट्रपति चुनाव: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद, देश के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को नए उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार का चयन करने की जिम्मेदारी सौंपी है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन भी एक साझा उम्मीदवार को मैदान में उतारने की योजना बना रहा है।
तीन नामांकन खारिज, दावेदारों को झटका
तीन नामांकन खारिज, दावेदारों को झटका
अब तक उपराष्ट्रपति पद के लिए तीन व्यक्तियों ने नामांकन भरा था, लेकिन चुनाव आयोग ने तकनीकी कारणों से सभी को अमान्य कर दिया है। तमिलनाडु के पद्मराजन और दिल्ली के जीवन कुमार मित्तल ने अपने मतदाता प्रमाणपत्र संलग्न किए थे, लेकिन ये दस्तावेज चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले के थे, जिससे उनका नामांकन खारिज हो गया। तीसरे प्रत्याशी राजशेखर ने आवश्यक ₹15,000 की जमानत राशि जमा नहीं की, जिसके कारण उनकी उम्मीदवारी भी रद्द कर दी गई।
अगले उपराष्ट्रपति के संभावित उम्मीदवार
कौन बन सकता है अगला उपराष्ट्रपति?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए किसी अनुभवी नेता या वर्तमान राज्यपाल को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बना सकता है। इस समय गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का नाम सबसे आगे है। इसके अलावा कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और वरिष्ठ नेता शेषाद्रि चारी के नाम भी चर्चा में हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय पीएम मोदी और जेपी नड्डा के बीच विचार-विमर्श के बाद ही होगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखें
उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखें घोषित
चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया है। नामांकन 7 अगस्त से 21 अगस्त तक भरे जा सकते हैं। 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी, और 25 अगस्त तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकते हैं। यदि आवश्यक हुआ, तो 9 सितंबर को मतदान होगा, जो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। इसी दिन वोटों की गिनती होगी और परिणाम की घोषणा भी की जाएगी।
राजनीतिक समीकरणों की परीक्षा
राजनीतिक समीकरणों की परीक्षा
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक पार्टियों की रणनीतियाँ भी तेज हो रही हैं। एनडीए अपने मजबूत संख्याबल पर भरोसा कर रहा है, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन एकजुट होकर चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि देश को उपराष्ट्रपति के रूप में कौन सा नया चेहरा मिलेगा।