भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
उपराष्ट्रपति चुनाव: आज भारत में नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होने जा रहा है। इस चुनाव में सत्तारूढ़ एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं। इस हाई-प्रोफाइल चुनाव में संसद के दोनों सदनों के 781 सांसद वोट डालेंगे।
राजनीतिक समीकरण
राजनीतिक समीकरण और संख्या बल स्पष्ट रूप से एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा, और मतगणना शाम 6 बजे से शुरू होगी। परिणाम देर रात तक घोषित होने की संभावना है।
बीजद और बीआरएस का चुनाव से दूर रहना
बीजद और बीआरएस मतदान से दूर
ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD) और तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। ये दोनों दल न तो एनडीए का हिस्सा हैं और न ही इंडिया गठबंधन के। इस निर्णय ने राधाकृष्णन की जीत की संभावनाओं को और मजबूत किया है.
ओवैसी और जगनमोहन रेड्डी का समर्थन
ओवैसी और जगनमोहन रेड्डी के दांव
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करने की घोषणा की है। वहीं, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने का निर्णय लिया है। पंजाब की शिरोमणि अकाली दल ने भी इस चुनाव से बाहर रहने की घोषणा की है.
संख्यात्मक स्थिति
एनडीए के पक्ष में नंबर गेम
निर्वाचन मंडल में कुल 781 सदस्य हैं। बीजद (7 सांसद), बीआरएस (4 सांसद) और अकाली दल (3 सांसद) के मतदान से दूर रहने पर कुल मतों की संख्या घटकर 767 रह जाएगी। इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 384 वोटों पर टिकेगा.
एनडीए के पास भाजपा के 342 सांसदों सहित 425 सदस्य हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन के पास कांग्रेस समेत कुल 324 सांसद हैं। वाईएसआरसीपी के 11 सांसदों का समर्थन एनडीए के पक्ष को और मजबूत कर रहा है.
इंडिया गठबंधन की रणनीति
इंडिया गठबंधन की उम्मीदें
हालांकि संख्या बल विपक्ष के खिलाफ है, लेकिन इंडिया गठबंधन को अभी भी क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है। विपक्ष का मानना है कि दक्षिण भारत के कुछ सांसद अंतरात्मा की आवाज पर उनके उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं.
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था। 2022 के चुनाव में धनखड़ को 528 वोट मिले थे, जबकि मार्गरेट अल्वा को केवल 182 वोट ही प्राप्त हुए थे.