भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: क्या है असली वजह?

धनखड़ का इस्तीफा और राजनीतिक हलचल
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। उनके इस निर्णय के पीछे की वास्तविकता को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं, और विपक्ष सरकार से स्पष्ट स्पष्टीकरण की मांग कर रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों को इस्तीफे का कारण बताया गया है, लेकिन विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक संदर्भ में देखा है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने धनखड़ के इस्तीफे को अचानक और बिना किसी पूर्व सूचना के बताया। उन्होंने कहा, “उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है। यह कदम राजनीतिक प्रेरणा से भरा लगता है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इस इस्तीफे के पीछे क्या कारण है।” खड़गे ने यह भी संकेत दिया कि इस मामले में कुछ गड़बड़ है, जिसे जनता को जानना आवश्यक है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी धनखड़ के स्वास्थ्य को ठीक बताया और स्वास्थ्य कारणों पर संदेह व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री का ट्वीट और विवाद
धनखड़ के इस्तीफे के लगभग 15 घंटे बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संक्षिप्त ट्वीट किया, जिसने विवाद को और बढ़ा दिया। कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि यह ट्वीट “इस्तीफे की राजनीतिक प्रकृति” को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि संवैधानिक पद की गरिमा को बनाए रखना चाहिए, लेकिन इस ट्वीट ने स्पष्ट कर दिया कि इस्तीफा एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी स्वास्थ्य कारणों को सही नहीं माना। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि स्वास्थ्य कारण थे, तो भाजपा के बड़े नेताओं ने उनसे मिलने का प्रयास क्यों नहीं किया। यादव ने कहा, “यह स्पष्ट है कि इस मामले में कुछ गड़बड़ है।”
महाभियोग प्रस्ताव और तनाव
विश्लेषकों का मानना है कि धनखड़ के इस्तीफे का मुख्य कारण न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करना है। यह प्रस्ताव भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित था, और सरकार इसे लोकसभा में खारिज करना चाहती थी।
धनखड़ के इस कदम ने सरकार की रणनीति को प्रभावित किया, क्योंकि वे इस मुद्दे पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती थी। उपराष्ट्रपति द्वारा विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करने से भाजपा की योजना कमजोर हुई है, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ता दिखाई दे रहा है।