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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: क्या है इसके पीछे की सच्चाई?

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखा। 11 दिन पहले उन्होंने कहा था कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे उनके इस्तीफे के पीछे अन्य कारणों की चर्चा तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषक इस पर विभिन्न दृष्टिकोणों से चर्चा कर रहे हैं। क्या यह केवल स्वास्थ्य समस्या है या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है? जानें इस इस्तीफे के राजनीतिक प्रभाव और नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में।
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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: क्या है इसके पीछे की सच्चाई?

जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उनके इस अप्रत्याशित कदम ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देने की जानकारी दी। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन दो साल पहले इस्तीफा देने से कई सवाल उठने लगे हैं।


11 दिन पहले का बयान

11 दिन पहले क्या बोले थे उपराष्ट्रपति?


धनखड़ का इस्तीफा राजनीतिक हलकों में एक बड़ा आश्चर्य है, क्योंकि 11 जुलाई 2025 को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और 2027 में रिटायर होंगे। यह बयान उनके इस्तीफे से केवल 11 दिन पहले दिया गया था, जिससे उनके अचानक इस्तीफे के पीछे अन्य कारणों की संभावनाओं पर चर्चा शुरू हो गई है। मार्च 2025 में उनकी सेहत के मुद्दे पर सीने में दर्द की शिकायत आई थी, जिसके बाद उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा, जून 2025 में उत्तराखंड में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी तबियत एक बार फिर बिगड़ी थी.


उपराष्ट्रपति पद का चुनाव

पीएम मोदी ने उन्हें उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया था


धनखड़ को 2022 में एनडीए सरकार द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को भारी अंतर से हराया था। धनखड़ को 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को केवल 182 वोट ही प्राप्त हुए थे। इसके बाद, 10 अगस्त 2022 को उन्होंने भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उनका कार्यकाल 2027 तक निर्धारित था, लेकिन अचानक इस्तीफा देने से राजनीतिक हलकों में कई सवाल उठ रहे हैं.


स्वास्थ्य कारणों का जिक्र

स्वास्थ्य कारणों का हवाला 


धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया। उनका यह कदम उपराष्ट्रपति पद के लिए अप्रत्याशित था, क्योंकि उनके कार्यकाल में अभी दो साल से अधिक का समय बचा हुआ था। स्वास्थ्य की प्राथमिकता को देखते हुए उनका यह कदम समझा जा सकता है, लेकिन इस पर राजनीतिक विश्लेषक विभिन्न दृष्टिकोणों में चर्चा कर रहे हैं.


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

सियासी हलचल


धनखड़ के इस्तीफे के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि यह चौंकाने वाला है क्योंकि वह कल तक संसद में सक्रिय थे। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने उन्हें न तो शुभकामनाएं दीं, न ही धन्यवाद दिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि इसके पीछे कुछ और बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हो सकता है.


इतिहास में तीसरे उपराष्ट्रपति

तीसरे उपराष्ट्रपति जिन्होंने इस्तीफा दिया


जगदीप धनखड़ भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। इससे पहले 1969 में वीवी गिरि ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था और 2002 में कृष्णकांत का कार्यकाल उनके निधन के कारण समाप्त हो गया था.


कार्यवाही का संचालन

आखिरी दिन तक कार्यों का निर्वहन


धनखड़ ने इस्तीफा देने से कुछ ही घंटे पहले राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन किया और सदन में सियासी टकराव को कम करने के लिए अपनी अपील की थी। उनका यह कदम चौंकाने वाला था, और अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी सेहत ही असली वजह है या इसके पीछे और कुछ घटनाएं हैं जिनका खुलासा भविष्य में हो सकता है.


नए उपराष्ट्रपति का चुनाव

नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की संभावना


धनखड़ का इस्तीफा उपराष्ट्रपति पद की रिक्तता को जन्म देता है। अब निर्वाचन आयोग द्वारा नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राजनीतिक और सरकारी हलकों में इस प्रक्रिया को लेकर चर्चाएं तेज हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इस पद पर कौन सी नई राजनीतिक हस्ती विराजमान होती है.