भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित उम्मीदवार: कौन होगा अगला नेता?

राजनीति में हलचल: उपराष्ट्रपति का इस्तीफा
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीतिक स्थिति में उथल-पुथल मचा दी है। हालांकि स्वास्थ्य कारणों को इस्तीफे की वजह बताया गया है, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? चुनाव आयोग जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। इस बीच, बीजेपी और एनडीए की ओर से कई संभावित नामों पर चर्चा हो रही है, जिनमें दलित और मुस्लिम समुदायों से आने वाले नेताओं की संभावनाएं शामिल हैं.
बीजेपी की रणनीति: दलित और मुस्लिम चेहरों पर ध्यान
सूत्रों के अनुसार, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और पश्चिम बंगाल में राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए, बीजेपी उपराष्ट्रपति पद के लिए एक रणनीतिक चेहरा पेश कर सकती है। ऐसे में दलित और मुस्लिम प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए जिन नामों पर चर्चा चल रही है, वे न केवल सामाजिक समीकरणों को साधते हैं, बल्कि पार्टी की आगामी चुनावों में मजबूती भी बढ़ा सकते हैं.
थावर चंद गहलोत: दलित चेहरा
थावर चंद गहलोत, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और दलित समाज के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। वे मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके हैं। गहलोत को अनुशासित और अनुभवी नेता के रूप में देखा जाता है, जो उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाते हैं.
ओम माथुर: मोदी-शाह के करीबी
राजस्थान से ओम प्रकाश माथुर वर्तमान में सिक्किम के राज्यपाल हैं। वे RSS के प्रचारक रह चुके हैं और संगठनात्मक कौशल में माहिर माने जाते हैं। उन्होंने कई राज्यों में पार्टी के लिए चुनाव प्रबंधन की भूमिका निभाई है और पीएम मोदी तथा अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। उनका नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए मजबूत दावेदारों में शामिल है.
आरिफ मोहम्मद खान: मुस्लिम चेहरा
आरिफ मोहम्मद खान, जो वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं, एक मध्यमार्गी मुस्लिम नेता के रूप में जाने जाते हैं। यदि बीजेपी उन्हें उपराष्ट्रपति बनाती है, तो यह राजनीतिक रूप से बड़ा संदेश होगा, खासकर पश्चिम बंगाल और बिहार में मुस्लिम मतदाताओं को साधने की रणनीति में.
हरिवंश: अनुभव और संतुलन का प्रतीक
हरिवंश, जो वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हैं, जदयू के सांसद हैं। उनका अनुभव और संतुलित राजनीतिक छवि उन्हें इस पद के लिए एक प्रभावी उम्मीदवार बनाते हैं. बीजेपी उन्हें समर्थन देकर जदयू के साथ समीकरण सुधारने की कोशिश कर सकती है.
रमा देवी: महिला और पिछड़ा वर्ग समीकरण
रमा देवी, बिहार की वरिष्ठ नेता हैं और शिवहर लोकसभा सीट से तीन बार बीजेपी से सांसद चुनी गई हैं। यदि पार्टी महिला और पिछड़े वर्ग को साधने की रणनीति अपनाती है, तो रमा देवी एक आकर्षक विकल्प बन सकती हैं.
रामनाथ ठाकुर: OBC चेहरा
रामनाथ ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं और वर्तमान में जदयू के राज्यसभा सांसद हैं। वे बिहार के EBC और OBC वर्गों में लोकप्रिय हैं। यदि बीजेपी EBC/OBC समीकरण को साधना चाहती है, तो रामनाथ ठाकुर एक राजनीतिक रूप से सटीक दांव साबित हो सकते हैं.