भारत के विमानन क्षेत्र में चिंताजनक खामियां: एयर इंडिया और इंडिगो की उड़ानों पर असर

अहमदाबाद विमान हादसे के बाद की स्थिति
अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद एयर इंडिया और अन्य विमानन कंपनियों की उड़ानों की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है। यह सवाल उठता है कि क्या भारत के विमानन क्षेत्र की स्थिति पहले से ही ऐसी थी और क्या किसी बड़े हादसे की प्रतीक्षा की जा रही थी? यदि ऐसा है, तो यह नियामक एजेंसियों के लिए एक बड़ा प्रश्न है कि वे इन खामियों को क्यों नहीं देख पाईं, जो अब उजागर हो रही हैं। यह अचानक नहीं हो सकता कि घरेलू विमानन कंपनियों के विमानों में इतनी समस्याएं सामने आ रही हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि विमानों में पहले से ही कई खामियां थीं, जिन्हें नजरअंदाज किया गया।
विमानन क्षेत्र की खामियों की मिसालें
भारत के विमानन क्षेत्र की स्थिति को समझाने के लिए दो घटनाएं काफी हैं। पहली घटना में, गुवाहाटी से चेन्नई जा रहे इंडिगो के विमान में ईंधन की कमी हो गई, जिसके कारण पायलट को एटीसी को 'मे डे' का अलर्ट देना पड़ा। मजबूरी में विमान को बेंगलुरू में उतारना पड़ा। दूसरी घटना में, एयर इंडिया का एक विमान बेंगलुरू से पटना पहुंचा, लेकिन यात्रियों का सामान नहीं ले गया क्योंकि वजन अधिक हो गया था। यह असामान्य है कि सामान्य स्थिति में विमान का ईंधन बीच में कम हो जाए।
नियामक एजेंसियों की भूमिका
इसका मतलब है कि उड़ान भरने से पहले न तो पायलट ने ईंधन की जांच की और न ही विमानन कंपनी या ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी ने। नियामक एजेंसियों की भूमिका भी संदिग्ध है। विमान में यात्रियों की संख्या और उनके सामान का वजन निर्धारित होता है, फिर कैसे इतना अधिक वजन हो गया कि कई यात्रियों का सामान छोड़ना पड़ा? यह दर्शाता है कि भारत में विमानों के संचालन में बुनियादी बातों का ध्यान नहीं रखा जाता।
एयर इंडिया और इंडिगो की तकनीकी खामियां
अहमदाबाद की घटना के बाद यह समझना आवश्यक है कि अचानक एयर इंडिया और इंडिगो के विमानों में इतनी तकनीकी खामियां क्यों सामने आईं। 12 जून को एयर इंडिया की उड़ान एआई 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, एयर इंडिया के सभी बोइंग 787-8/9 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच की गई थी। हालांकि, जांच में अधिकांश विमानों को हरी झंडी मिल गई थी। फिर भी, पिछले दो हफ्तों में लगभग एक सौ उड़ानें रद्द हुई हैं।
उड़ानों की रद्दीकरण का कारण
यह सवाल उठता है कि जब ड्रीमलाइनर विमानों की जांच में कोई बड़ी सुरक्षा चिंता नहीं पाई गई, तो फिर उड़ानें क्यों रद्द की जा रही हैं? डीजीसीए ने एयर इंडिया के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि हाल की जांच में कोई बड़ी समस्या नहीं मिली। फिर भी, तकनीकी खामियों के कारण उड़ानें रद्द हो रही हैं।
नियामक एजेंसियों की जिम्मेदारी
क्या यह माना जाए कि विमानन कंपनियां, विशेषकर एयर इंडिया, अहमदाबाद हादसे के बाद अत्यधिक सतर्क हो गई हैं और जानबूझकर उड़ानें रद्द कर रही हैं? यह भी संभव है कि मामूली खामियों को अब गंभीरता से लिया जा रहा हो। अहमदाबाद हादसे ने भारत के विमानन क्षेत्र की कई खामियों को उजागर किया है।
भविष्य की संभावनाएं
उम्मीद की जानी चाहिए कि इस हादसे के बाद कुछ सकारात्मक बदलाव होंगे। विमानन कंपनियों के बेड़े में नए विमानों को शामिल किया जाएगा, पुराने विमानों को रिटायर किया जाएगा, और सुरक्षा मानकों का पालन अधिक गंभीरता से किया जाएगा। यदि सरकार इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है, तो सुधार की संभावना और भी बढ़ जाएगी।