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भारत-चीन व्यापार विवाद: अमेरिका के टैरिफ पर बीजिंग की कड़ी प्रतिक्रिया

The recent trade tensions between the US and India have escalated as China criticizes President Trump's decision to impose additional tariffs on Indian goods. This move has raised concerns about international trade regulations and market stability. Chinese officials have condemned the tariffs as a violation of global trade norms, while India has expressed strong discontent, labeling the tariffs as unfair. The situation is further complicated by India's reliance on discounted Russian oil, which the US claims indirectly supports Russia amid the Ukraine conflict. This article delves into the reactions from both China and India, highlighting the broader implications of these trade disputes.
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भारत-चीन व्यापार विवाद: अमेरिका के टैरिफ पर बीजिंग की कड़ी प्रतिक्रिया

भारत और ब्राज़ील पर अमेरिका के टैरिफ का विवाद

भारत-चीन व्यापार विवाद: चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और ब्राज़ील से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसले की तीखी आलोचना की है। बीजिंग का कहना है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन है और अमेरिका जानबूझकर वैश्विक व्यापार प्रणाली को राजनीतिक दबाव का औजार बना रहा है।


चीनी विदेश मंत्री की चेतावनी

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि ट्रंप का यह निर्णय न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है, बल्कि यह वैश्विक बाजार की स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय वस्तुओं पर दूसरी बार 25% शुल्क बढ़ाने की घोषणा के बाद, कुल टैरिफ अब 50% तक पहुंच गया है, जो अमेरिका द्वारा किसी देश पर लगाए गए सबसे भारी शुल्कों में से एक है।


चीनी राजदूत का बयान

भारत में चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने भी इस नीति की आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “अगर आप धमकाने वाले को एक इंच देंगे, तो वह मीलों ले लेगा।” उन्होंने अमेरिका की एकतरफा और दबाव डालने वाली नीति को अस्वीकार्य बताया।


ब्राज़ील के राष्ट्रपति से बातचीत

वांग यी ने इस मुद्दे पर ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के सलाहकार सेल्सो अमोरिम से टेलीफोन पर चर्चा की, जिसमें ट्रंप की नीतियों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के खिलाफ बताया गया।


रूसी तेल पर भारत की निर्भरता

अमेरिका के इस टैरिफ निर्णय का एक कारण भारत द्वारा रियायती दरों पर रूसी तेल की खरीदारी को बताया जा रहा है, जिससे कथित तौर पर यूक्रेन युद्ध में रूस को अप्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है। ट्रंप ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह निर्णय अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और नैतिक जिम्मेदारियों के अनुरूप लिया गया है।


भारत की प्रतिक्रिया

हालांकि, सवाल यह उठता है कि जब चीन और अन्य देश भी रूस से व्यापार कर रहे हैं, तो केवल भारत को ही निशाना क्यों बनाया गया? इस पर ट्रंप ने कहा कि अमेरिका सभी देशों के साथ अपनी नीति के अनुसार व्यवहार करता है और कोई पक्षपात नहीं किया गया।


भारत ने इस टैरिफ वृद्धि पर तीव्र असंतोष व्यक्त किया है। विदेश मंत्रालय ने इसे 'अनुचित और अविवेकपूर्ण' करार दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।


मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत का तेल आयात बाजार के नियमों और घरेलू जरूरतों के अनुसार होता है, न कि किसी राजनीतिक विचारधारा के तहत। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत ने पहले ही अमेरिका को अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी।