भारत ने जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का किया दावा
भारत की नई आर्थिक उपलब्धि
नई दिल्ली: भारत ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। हाल ही में सरकार ने घोषणा की है कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जिससे उसने जापान को पीछे छोड़ दिया है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। सरकार का कहना है कि भारत तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंचने की दिशा में अग्रसर है।
सरकारी बयान
सरकार के अनुसार, 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के GDP के साथ भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त किया है। अनुमान है कि 2030 तक GDP 7.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा, जिससे भारत जर्मनी को तीसरे स्थान से हटा देगा।
दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं
1. अमेरिका
2. चीन
3. जर्मनी
4. भारत
5. जापान
विकास की गति
विभिन्न सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत का GDP छह तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत घरेलू खपत और निजी निवेश इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
वैश्विक संस्थाओं का विश्वास
अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने भी भारत की आर्थिक संभावनाओं पर भरोसा जताया है। वर्ल्ड बैंक ने 2026 में भारत के लिए 6.5 प्रतिशत विकास का अनुमान लगाया है। मूडीज ने 2026 में 6.4 प्रतिशत और 2027 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। IMF ने 2025 के लिए 6.6 प्रतिशत और 2026 के लिए 6.2 प्रतिशत की वृद्धि का पूर्वानुमान बढ़ाया है।
OECD ने 2025 में 6.7 प्रतिशत और 2026 में 6.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। S&P ने 2025-26 के लिए क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। एशियाई विकास बैंक ने 2025 के लिए 7.2 प्रतिशत और फिच ने वित्त वर्ष 2026 के लिए 7.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान बढ़ाया है।
भारत की विकास यात्रा
सरकार ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसे बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार है। 2047 तक उच्च मध्य-आय हासिल करने के लक्ष्य के साथ, देश आर्थिक विकास, संरचनात्मक सुधार और सामाजिक प्रगति की मजबूत नींव पर आगे बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह उपलब्धि न केवल वैश्विक मान्यता है, बल्कि यह निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के भरोसे को भी दर्शाती है। लगातार सुधारों, मजबूत घरेलू खपत और निर्यात वृद्धि के चलते भारत आने वाले वर्षों में और भी ऊँचाइयों को छू सकता है।
