भारत ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यक मुद्दों पर की कड़ी प्रतिक्रिया
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति
नई दिल्ली: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। वहां नाबालिग लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन और ईशनिंदा के नाम पर हत्या जैसी घटनाएं आम हैं। इसके बावजूद, पाकिस्तान ने भारत में क्रिसमस के दौरान हुई कुछ घटनाओं पर टिप्पणी की और ज्ञान देने का प्रयास किया।
विदेश मंत्रालय की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के पास अल्पसंख्यकों के खिलाफ भयानक रिकॉर्ड है, जिसे आरोप-प्रत्यारोप से छुपाया नहीं जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की टिप्पणियां वास्तविकता को नहीं बदल सकतीं।
Our response to media queries regarding remarks of the Spokesperson of the Pakistani Ministry of Foreign Affairs on incidents in India ⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) December 29, 2025
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भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज किया
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में विभिन्न धर्मों के अल्पसंख्यकों पर सुनियोजित और भयावह उत्पीड़न होता है। यह सब दुनिया के सामने है और किसी भी तरह के बयान या आरोप इसे छुपा नहीं सकते। भारत इस तथ्य को पूरी तरह समझता है और पाकिस्तान के झूठे बयान को खारिज करता है।
पाकिस्तान के झूठे आरोप
क्रिसमस के दौरान भारत में हुई कुछ घटनाओं और तथाकथित मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को लेकर पाकिस्तान ने भारत पर झूठे आरोप लगाए। पाकिस्तान के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार को लेकर मनगढ़ंत बातें कही और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने की कोशिश की।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का प्रयास
पाकिस्तान ने इन झूठे आरोपों के जरिए दुनिया को गुमराह करने की कोशिश की और भारत को अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की 'सलाह' दी। यह बात हैरान करने वाली है कि यह सलाह वही देश दे रहा है, जहां रोजाना अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और बर्बरता के मामले सामने आते हैं।
'टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं'
विदेश मंत्रालय ने इन टिप्पणियों को राजनीतिक रूप से प्रेरित और अस्वीकार्य बताया और जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाखंडी उपदेश देने के बजाय पाकिस्तान को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और अपने ही दयनीय मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए।
