भारत ने यूएनएससी में पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए किया कठोर चेतावनी

भारत ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी
न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बैठक में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ी चेतावनी दी है। इस बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तान को कट्टरपंथ में डूबा एक कर्जदार देश बताया और कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
उच्च-स्तरीय बहस में भारत का बयान
पर्वतनेनी हरीश ने मंगलवार को यूएनएससी की बैठक में 'बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना' विषय पर राष्ट्रीय वक्तव्य दिया। यह बहस पाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी भाग लिया।
आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता आवश्यक है। इशाक डार ने जम्मू और कश्मीर और सिंधु जल संधि के मुद्दे पर भी चर्चा की।
सिंधु जल संधि का स्थगन
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद, भारत ने सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का निर्णय लिया जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन नहीं छोड़ता।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर भी टिप्पणी की, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान लगातार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज ले रहा है। इस साल मई में, आईएमएफ ने पाकिस्तान को लगभग एक अरब डॉलर का वितरण मंजूर किया था।