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भारत ने हिंदू देवताओं के अपमान पर कड़ा रुख अपनाया

भारत ने हाल ही में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद में हिंदू देवताओं के अपमान पर कड़ा रुख अपनाया है। भगवान विष्णु की मूर्ति को गिराने की घटना ने भारत में आक्रोश पैदा कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने इस पर चिंता जताते हुए दोनों देशों से संवाद के माध्यम से विवाद सुलझाने की अपील की है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और भारत की प्रतिक्रिया के बारे में।
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भारत ने हिंदू देवताओं के अपमान पर कड़ा रुख अपनाया

हिंदू देवी-देवताओं का अपमान

हाल ही में दो देशों के बीच संघर्ष में हिंदू देवी-देवताओं को निशाना बनाया गया है। भूमि पर कब्जा करने की होड़ में लोगों की धार्मिक मान्यताओं का भी सम्मान नहीं किया जा रहा है। भगवान की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, जिससे भारत में आक्रोश फैल गया है। भारत ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए चेतावनी जारी की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मच गई है।


एक वीडियो में दिखाया गया है कि विदेश में भगवान विष्णु की 30 फीट ऊंची प्रतिमा को गिरा दिया गया। यह केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों में भारी गुस्सा भड़क उठा।


भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

भारत ने इस अपमान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, जिससे दुनिया को एक स्पष्ट संदेश मिला है। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर थाई सेना ने भगवान विष्णु की मूर्ति को गिरा दिया। रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना 22 दिसंबर को हुई थी और इसका वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिली।


नई दिल्ली ने कहा है कि इस तरह के अपमानजनक कृत्यों से विश्वभर में अनुयायियों की भावनाएं आहत होती हैं। भारत ने थाईलैंड और कंबोडिया दोनों से अपील की है कि वे संवाद और कूटनीति के माध्यम से अपने सीमा विवाद को सुलझाएं।


विदेश मंत्रालय की चिंता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हाल ही में एक हिंदू धार्मिक मूर्ति को ध्वस्त करने की खबरें आई हैं, जो थाई-कंबोडिया सीमा विवाद से प्रभावित क्षेत्र में थी। उन्होंने कहा कि हिंदू और बौद्ध देवताओं की पूजा पूरे क्षेत्र में श्रद्धा के साथ की जाती है और यह साझा सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं।


उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय दावों के बावजूद, इस तरह के अपमानजनक कृत्य श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करते हैं और इसे रोकना चाहिए। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले छह महीनों से प्रीही विहार मंदिर के क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है।


मूर्ति का इतिहास

यह मूर्ति 2013 में कंबोडिया की सेना द्वारा उस भूमि पर स्थापित की गई थी, जिसे थाईलैंड अपना क्षेत्र मानता है। यह उबो प्रांत के चौंग आन मा इलाके में स्थित है। थाई सेना के लिए मूर्ति को नष्ट करना उस भूमि पर थाई संप्रभुता को दर्शाने का एक प्रयास था। कंबोडिया सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि यह मूर्ति एनसेस इलाके में उनके क्षेत्र के भीतर थी।