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भारत पर अमेरिका का नया कर: 50% तक पहुंचा शुल्क

अमेरिका ने भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने पर 50% आयात शुल्क लगा दिया है, जिससे भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने इसे अस्वीकार्य बताया है। इस बीच, एप्पल ने अमेरिका में अपने संचालन को बढ़ाने के लिए 100 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है। जानें इस नए कर का भारत की ऊर्जा सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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अमेरिका द्वारा भारत पर अतिरिक्त कर का प्रभाव

अमेरिका ने हाल ही में भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने पर 25% का अतिरिक्त कर लगा दिया है, जिससे कुल कर 50% हो गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारत ने अमेरिका के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी निर्णय लिए जाते हैं।


भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य बताया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत का रूस से कच्चा तेल खरीदना पूरी तरह से राष्ट्रीय हित में है।


इस बीच, ट्रंप ने चिप्स पर भारी आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिसके बाद एप्पल ने अमेरिका में अपने संचालन को बढ़ाने के लिए 100 अरब डॉलर का निवेश करने का निर्णय लिया है। यह निवेश ऐसे समय में हो रहा है जब एप्पल ने पहले ही 500 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया था।


ट्रंप ने कहा कि वे चिप्स और सेमीकंडक्टर पर 100% कर लगाएंगे, लेकिन अमेरिका में निर्माण करने वाली कंपनियों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।


अमेरिका ने भारत और ब्राज़ील पर सबसे अधिक आयात शुल्क लगाया है, जो 50% तक पहुंच गया है। अन्य देशों पर भी विभिन्न दरों पर शुल्क लगाया गया है, जैसे म्यांमार पर 40% और थाईलैंड पर 36%।