भारत-पाकिस्तान के बीच वॉशिंगटन में कूटनीतिक टकराव
वॉशिंगटन डीसी में भारतीय और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलों के बीच एक कूटनीतिक विवाद छिड़ गया है। बिलावल भुट्टो की भड़काऊ टिप्पणियों ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल की तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया। शशि थरूर ने पाकिस्तान की आतंकवाद को शरण देने की नीति पर कड़ा हमला किया। इस विवाद में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली, जिससे कूटनीतिक तनाव और बढ़ गया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और दोनों पक्षों की प्रतिक्रियाएँ।
Jun 5, 2025, 11:37 IST
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वॉशिंगटन में भारत-पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच विवाद
वॉशिंगटन डीसी में भारतीय और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलों के बीच एक शब्दों की जंग छिड़ गई, जब दोनों पक्षों ने पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, कश्मीर मुद्दे और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर अपने विचार साझा किए। यह विवाद पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल के नेता बिलावल भुट्टो की भड़काऊ टिप्पणी से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना "बेंजामिन नेतन्याहू के घटिया चीनी संस्करण टेमू" से की। टेमू एक चीनी ई-कॉमर्स ऐप है जो सस्ते उत्पाद बेचता है। बिलावल ने भारत की पहलगाम हमले के जवाबी कार्रवाई की तुलना इजराइल के गाजा में सैन्य कार्रवाई से भी की।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, "पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो चीन से लिए गए घटिया उत्पादों पर निर्भर है, जिनमें उसके सैन्य उपकरण भी शामिल हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि सीमा के इस पार प्रामाणिक और उच्च गुणवत्ता वाले सैन्य संसाधनों को देखना शायद पाकिस्तान को चुभ रहा है। सूर्या ने आगे कहा, "एक ऐसा देश जो विफल जनरलों को नायक बनाकर पेश करता है, वह असली नेताओं को कभी नहीं पहचान सकता।"
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भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शशि थरूर ने इस तरह के टकराव की आशंका पहले ही जताई थी। वॉशिंगटन डीसी पहुंचने पर उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी भी उसी समय यहां होंगे, इसलिए दिलचस्पी बढ़ सकती है क्योंकि एक ही शहर में दो प्रतिस्पर्धी प्रतिनिधिमंडल मौजूद होंगे।" थरूर ने पाकिस्तान की आतंकवाद को शरण देने की नीति पर कड़ा हमला करते हुए कई तीखे कटाक्ष किए। उन्होंने बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल पर निशाना साधते हुए कहा, "अगर आप अपने आंगन में ज़हरीले साँप पालेंगे, तो वे सिर्फ आपके पड़ोसियों को नहीं डसेंगे, आपको भी डसेंगे।"
थरूर ने भुट्टो के संदर्भ में कहा, "मैं जानता हूँ कि भुट्टो की माँ की हत्या आतंकवाद की घटना में हुई थी और इसके लिए हमदर्दी है। लेकिन पाकिस्तान के शासकों के लिए सहानुभूति रखना मुश्किल है, जिन्होंने खुद इस आतंक के राक्षस को पैदा किया।" उन्होंने कहा, "वे अपने दृष्टिकोण लेकर आ सकते हैं, लेकिन जो भी इस मुद्दे को गहराई से समझता है, उसे पाकिस्तान के बारे में सब पता है।"
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे बिलावल भुट्टो की स्थिति न्यूयॉर्क में कमजोर हो गई थी, जब उन्होंने यूएन में पत्रकारों के बीच पहले से तैयार सवालों के जरिए पाकिस्तान का पक्ष रखने का प्रयास किया। एक पत्रकार ने बिलावल को उनके एक बयान के चलते आड़े हाथ लिया, जिसमें उन्होंने भारत में मुस्लिमों की कथित तौर पर "खराब छवि" पेश किए जाने को लेकर टिप्पणी की थी।
बहरहाल, बिलावल भुट्टो भले बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हों, लेकिन उनकी सुनने वाला वहां कोई नहीं है क्योंकि सब जानते हैं कि वाशिंगटन डीसी वही जगह है जहां पाकिस्तान के नागरिक रामज़ी यूसुफ और खालिद शेख़ मोहम्मद ने 1993 और 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले किए थे।