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भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर ट्रंप की टैरिफ नीति का प्रभाव

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का मुद्दा अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से जुड़ गया है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने अदालत में कहा कि ट्रंप के हस्तक्षेप से ही यह सीजफायर संभव हुआ। कांग्रेस ने इस पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। जानें इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रियाएं आई हैं और ट्रंप की भूमिका क्या रही है।
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भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर ट्रंप की टैरिफ नीति का प्रभाव

सीजफायर का मुद्दा और ट्रंप की टैरिफ नीति

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का विषय अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से जुड़ गया है। ट्रंप प्रशासन ने एक अमेरिकी अदालत में तर्क दिया है कि यदि ट्रंप को टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं होता, तो भारत और पाकिस्तान जैसे दो परमाणु शक्तियों के बीच सीजफायर संभव नहीं होता। यह भी कहा गया कि ट्रंप ने व्यापार के मुद्दे को उठाकर सीजफायर को संभव बनाया, और यदि उन्हें टैरिफ लगाने की शक्ति नहीं मिली, तो यह सीजफायर समाप्त हो जाएगा। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री ने अदालत में कहा कि केवल राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप से ही यह सीजफायर संभव हो सका।


यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका के छोटे व्यापारियों ने यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में एक मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ट्रंप के टैरिफ निर्णय का वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। सुनवाई के दौरान, वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने अदालत में कहा, 'टैरिफ की शक्तियों को सीमित करने वाले निर्णय का हर उस क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा, जहां आर्थिक साधनों का रणनीतिक उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान, जो दो परमाणु शक्तियां हैं, के बीच हाल ही में युद्ध चल रहा था। 10 मई 2025 को दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ, जो केवल राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के कारण संभव हो सका।' उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार न करने की चेतावनी देकर युद्धविराम कराया।


अमेरिकी अदालत में मंत्री के इस बयान के बाद, भारत में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर फिर से हमला किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण मांगा है। भारत सरकार ने हमेशा इस बात से इनकार किया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीजफायर कराया और व्यापार की धमकी का उपयोग किया। लेकिन वाणिज्य मंत्री लुटनिक के बयान के बाद, कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश और मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने सवाल उठाए हैं।


रमेश ने कहा, “प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि क्या यह सच है कि अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने 23 मई 2025 को न्यूयॉर्क स्थित यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में एक बयान दिया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक 'कमजोर युद्धविराम' कराने और 'नाजुक शांति' स्थापित करने के लिए अपने टैरिफ अधिकारों का इस्तेमाल किया था”? उन्होंने कहा, 'हावर्ड लुटनिक वही बात दोहरा रहे हैं, जो राष्ट्रपति ट्रंप ने 11 दिनों में विभिन्न देशों में आठ बार सार्वजनिक रूप से कही है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इसी तरह का बयान देते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए एक 'न्यूट्रल साइट' का जिक्र किया है। प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए!'


पवन खेड़ा ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, 'क्या पीएम इस पर कुछ कहेंगे'? उन्होंने लुटनिक के बयान का हवाला देते हुए कहा कि लुटनिक ने अमेरिकी अदालत में कहा है कि यह युद्धविराम तभी संभव हो पाया, जब राष्ट्रपति ट्रंप ने हस्तक्षेप किया और दोनों देशों को पूर्ण युद्ध टालने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार करने की अनुमति दी।