भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया: जानें सभी महत्वपूर्ण बातें

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
भारत में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर, मंगलवार को आयोजित किया जाएगा। इस चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के बी सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने होंगे। संख्या के हिसाब से एनडीए के राधाकृष्णन की जीत की संभावना अधिक है, लेकिन क्रॉस वोटिंग के चलते परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं।
विशेष कलम का उपयोग
उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद मतदान करेंगे। मतदान के लिए हर सांसद को एक विशेष कलम प्रदान की जाएगी। मतदान के दौरान सांसदों को अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम क्रम से लिखना होगा। यदि कोई सांसद अन्य पैन का उपयोग करता है, तो उसका वोट अमान्य माना जाएगा।
मतदान की प्रक्रिया और स्थान
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान संसद भवन के पहले तल पर वसुधा, रूम नंबर F-101 में होगा। लोकसभा और राज्यसभा के सांसद इस चुनाव में भाग लेंगे। वर्तमान में दोनों सदनों में 782 सीटें हैं, जिनमें से 6 खाली हैं, इसलिए केवल 776 सांसद वोट देंगे। जीत के लिए किसी उम्मीदवार को कम से कम 349 वोटों की आवश्यकता होगी।
एनडीए का समर्थन
एनडीए के उम्मीदवार को 422 वोटों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 वोट शामिल हैं। वहीं, इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार को लगभग 354 वोटों का समर्थन है, जिसमें लोकसभा में 144 और राज्यसभा में 210 वोट हैं। यह चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से होगा और इसमें ईवीएम का उपयोग नहीं किया जाएगा।
परिणाम की घोषणा
मतदान सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा और वोटिंग के तुरंत बाद परिणाम की घोषणा की जाएगी।
व्हिप का न होना
राज्यसभा चुनावों, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में कोई पार्टी अपने सांसदों को व्हिप जारी नहीं कर सकती, क्योंकि ये चुनाव सदन से नहीं बल्कि चुनाव आयोग से संबंधित होते हैं।