भारत में जनसंख्या नियंत्रण पर नई सोच: पीएम मोदी के सलाहकार का बयान

जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता पर विचार
नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने हाल ही में एक टीवी कार्यक्रम में कहा कि भारत की जनसंख्या अभी बुजुर्ग नहीं है, लेकिन भविष्य के लिए सोचने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों को समाप्त करने का समय आ गया है।
जब उनसे जापान और अन्य देशों में बढ़ती बुजुर्ग आबादी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'हम अभी वृद्ध नहीं हुए हैं, लेकिन इस पर विचार करना आवश्यक है। हम जनसांख्यिकीय लाभांश के दौर में हैं, लेकिन जन्म दर में तेज गिरावट के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि भारत प्रतिस्थापन दर (Replacement Rate) को बनाए रखे।' जनसांख्यिकीय लाभांश का अर्थ है कि कामकाजी उम्र के लोगों का अनुपात अधिक है, जबकि बच्चों और बुजुर्गों की संख्या कम है। सान्याल ने बताया कि भारत की कुल प्रजनन दर 1.9 है, जो प्रतिस्थापन दर से कम है। यह दर केवल इसलिए 1.9 है क्योंकि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे कुछ राज्यों में जन्म दर अधिक है, लेकिन अब इन राज्यों में भी गिरावट देखी जा रही है।
प्रतिस्थापन दर वह स्तर है, जिस पर एक पीढ़ी (महिलाएं) अपनी जगह पर पर्याप्त संख्या में नए लोगों को जन्म देती है। आमतौर पर, जनसंख्या के लिए 2.1 बच्चों की प्रजनन दर को प्रतिस्थापन स्तर माना जाता है। सान्याल ने कहा कि कोई भी देश, जहां जन्म दर में बहुत अधिक गिरावट आई है, वह प्रतिस्थापन दर से ऊपर नहीं जा पाया है। यदि हम ऐसा करने में सफल होते हैं, तो यह एक अद्वितीय उपलब्धि होगी। लेकिन सबसे पहले, हमें उन जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों को समाप्त करना होगा, जो हमारी नौकरशाही में लटके हुए हैं।