भारत में यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की संभावित यात्रा की तैयारी
भारत में कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज़
5 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय यात्रा के समापन के बाद, नई दिल्ली ने अगले कदमों की योजना बनाना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, भारत में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की संभावित यात्रा की तैयारी चल रही है, जो जनवरी 2026 में हो सकती है।
ज़ेलेंस्की की यात्रा, पिछले वर्ष अपनाए गए संतुलित दृष्टिकोण को जारी रखते हुए, रूस-यूक्रेन संघर्ष के दोनों पक्षों के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करेगी। जुलाई 2024 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मास्को का दौरा किया और पुतिन से मुलाकात की, इसके एक महीने बाद उन्होंने यूक्रेन का दौरा किया।
भारत और यूक्रेन के बीच वार्ता
सूत्रों के अनुसार, भारतीय और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच कई हफ्तों से बातचीत चल रही है। पुतिन की यात्रा से पहले, नई दिल्ली ज़ेलेंस्की के कार्यालय के संपर्क में थी। प्रस्तावित यात्रा का समय और दायरा कई कारकों पर निर्भर करेगा, जिसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की शांति योजना और युद्ध के मैदान में हो रहे घटनाक्रम शामिल हैं।
यूक्रेन की आंतरिक राजनीति, जहां ज़ेलेंस्की की सरकार एक बड़े भ्रष्टाचार घोटाले में उलझी हुई है, भी यात्रा के परिणाम को प्रभावित कर सकती है।
यूरोप की नजरें
पुतिन की यात्रा पर यूरोप की कड़ी नजर है। कई यूरोपीय दूतों ने भारत से आग्रह किया है कि वह अपने प्रभाव का उपयोग करके मास्को को युद्ध समाप्त करने के लिए प्रेरित करे। हालांकि, भारत ने लगातार कहा है कि बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र व्यावहारिक रास्ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे इस प्रकार परिभाषित किया है कि भारत तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति के पक्ष में है।
यूक्रेनी सेना की स्थिति
न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से कहा गया है कि यूक्रेनी सेना थक गई है और हालात इतने खराब हैं कि इसका असर उनकी रणनीतियों पर साफ नजर आ रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर लंदन में एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसमें कई प्रमुख नेता शामिल हो रहे हैं। ज़ेलेंस्की ने शांति प्रस्ताव पर अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की पुष्टि की है।
