Newzfatafatlogo

भारत-यूके के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता: क्या है इसका महत्व?

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने 24 जुलाई को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 34 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष तक बढ़ाना है। इस समझौते को भारत के लिए एक दशक में सबसे महत्वाकांक्षी माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे साझा समृद्धि का नया रोडमैप बताया है, जिससे भारतीय उद्योगों को कई क्षेत्रों में लाभ होगा। जानें इस समझौते के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।
 | 
भारत-यूके के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता: क्या है इसका महत्व?

भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौता

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने 24 जुलाई को एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 34 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष तक बढ़ाना है। इसे भारत के लिए एक दशक में सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता माना जा रहा है, जबकि यह ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन का पहला बड़ा समझौता है।


पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा

इस ऐतिहासिक समझौते के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में ब्रिटिश सम्राट किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात की। यह भेंट दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और ऐतिहासिक संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखी जा रही है। इस मुलाकात को भारत-ब्रिटेन संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


मंत्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका

इस व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर भारत की ओर से वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने किए, जबकि ब्रिटेन की ओर से व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने भाग लिया। दोनों नेताओं ने इसे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


साझा समृद्धि का नया मार्ग

प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझौते को 'साझा समृद्धि के लिए नया रोडमैप' बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता किसानों, मछुआरों, सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (MSMEs), पेशेवरों और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा, जिससे दोनों देशों की जनता को आर्थिक लाभ होगा।


भारतीय उद्योगों को लाभ

इस समझौते के तहत भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के बाजार में शून्य या बहुत कम शुल्क का लाभ मिलेगा। विशेष रूप से कपड़ा, आभूषण, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान और प्रसंस्कृत खाद्य जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों को बड़ा लाभ होगा। इससे रोजगार सृजन और निर्माण क्षेत्र को नई गति मिलने की उम्मीद है।


ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की नई रणनीति

ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की व्यापारिक रणनीति के तहत यह समझौता अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत जैसे उभरते बाजार के साथ यह साझेदारी ब्रिटेन को नई वैश्विक आर्थिक दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगी।