भारत-यूक्रेन वार्ता: जेलेंस्की ने मोदी से की महत्वपूर्ण चर्चा

मोदी और जेलेंस्की के बीच फोन वार्ता
सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण फोन कॉल हुई। यह बातचीत उस समय हुई जब भारत को रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिका द्वारा उच्च आयात शुल्क का सामना करना पड़ रहा है। जेलेंस्की ने इस वार्ता के बाद कहा कि भारत का समर्थन यूक्रेन के शांति प्रयासों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यूक्रेन की भागीदारी पर जोर
जेलेंस्की ने कहा कि किसी भी समाधान में यूक्रेन की भागीदारी अनिवार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि यह आवश्यक है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन करे और यह सुनिश्चित करे कि यूक्रेन से संबंधित सभी निर्णयों में हमारी सीधी भागीदारी हो। अन्य प्रारूपों में निर्णय लेने से स्थायी परिणाम नहीं मिल सकते।
मोदी की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस बातचीत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की को भारत की स्थायी नीति के बारे में बताया कि संघर्ष का शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान आवश्यक है। भारत इस दिशा में हर संभव योगदान देने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रूस पर दबाव बनाने की आवश्यकता
जेलेंस्की ने युद्ध के चौथे वर्ष में प्रवेश करते हुए रूस पर दबाव बनाने की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस के ऊर्जा निर्यात, विशेष रूप से तेल, पर सख्त प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। उनका कहना था कि रूसी तेल और ऊर्जा संसाधनों के निर्यात को सीमित करना आवश्यक है ताकि रूस की आर्थिक शक्ति को कमजोर किया जा सके।
भारत पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव
इस बीच, अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि भारत रूस से तेल खरीदकर 'युद्ध मशीन को ईंधन' दे रहा है, जिसके चलते उन्होंने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की।