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भारत-रूस संबंध: पीएम मोदी और पुतिन के बीच तीसरी बातचीत

भारत और रूस के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, जब पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच तीसरी बार बातचीत हुई। इस बातचीत में यूक्रेन संकट पर चर्चा की गई, जिसमें भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया। पीएम मोदी ने पुतिन को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। जानें इस बातचीत के प्रमुख बिंदु और भारत का रुख क्या है।
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भारत-रूस संबंध: पीएम मोदी और पुतिन के बीच तीसरी बातचीत

भारत की भूमिका: रूस-यूक्रेन संकट में

भारत-रूस संबंध: रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। पीएम मोदी के जन्मदिन पर, रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें फोन करके शुभकामनाएं दीं। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की। वास्तव में, भारत और रूस एक-दूसरे के सच्चे मित्र हैं। पीएम मोदी ने इस जानकारी को अपने एक्स पोस्ट पर साझा किया।


तीसरी बार बातचीत एक महीने में

1 महीने में तीसरा फोन कॉल


पीएम मोदी ने पुतिन को अपने पोस्ट में 'मेरे दोस्त' कहकर संबोधित किया। दोनों नेता विश्व के प्रमुख नेताओं में माने जाते हैं। उनकी दोस्ती की गहराई का उदाहरण कई बार सामने आया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में पुतिन का धन्यवाद किया और यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान में योगदान देने की बात कही। इससे पहले, 8 और 18 अगस्त को भी दोनों के बीच बातचीत हो चुकी है।


पुतिन का विशेष संदेश

पुतिन ने भी भेजा खास संदेश


पुतिन ने पीएम मोदी को भेजे संदेश में कहा कि मोदी भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर रचनात्मक बातचीत जारी रखने की बात कही। पुतिन ने मोदी को जन्मदिन की बधाई स्वीकार करने के लिए कहा और कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के विकास में सहयोग कर रहे हैं।


ट्रंप ने भी दी बधाई

ट्रंप ने कॉल कर दी बधाई


पीएम मोदी के जन्मदिन पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी उन्हें फोन किया। यह बातचीत मोदी और ट्रंप के बीच टैरिफ विवाद के बाद पहली थी। दोनों ने सोशल मीडिया पर इस बातचीत की जानकारी साझा की। इस बातचीत में टैरिफ नीति और रूस से तेल आयात पर चर्चा होने की संभावना है।


भारत का रुख: रूस-यूक्रेन विवाद में

रूस-यूक्रेन मसले में भारत का रुख?


भारत का स्पष्ट रुख है कि यूक्रेन में युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है। पिछले वर्ष, पीएम मोदी ने कई मौकों पर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और उन्हें सही सुझाव देने की सलाह दी।