भारत-रूस संबंधों में नई गहराई: NSA अजीत डोभाल की महत्वपूर्ण यात्रा

भारत और रूस के बीच बढ़ती नजदीकी
India Russia Relations: भारत और रूस के बीच बढ़ती नजदीकी अमेरिका के लिए चिंता का विषय बन गई है। रूस से तेल आयात के कारण अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। इस समय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की रूस यात्रा ने वैश्विक राजनय में नया मोड़ दिया है। डोभाल ने रूस में उच्चस्तरीय नेताओं से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का आश्वासन दिया है.
अजीत डोभाल की रूस यात्रा का उद्देश्य
अजीत डोभाल की यह यात्रा ऊर्जा, रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिए की गई है। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और बताया कि पुतिन जल्द ही भारत आने वाले हैं। इसके अलावा, डोभाल ने रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से भी महत्वपूर्ण वार्ता की है.
रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री से वार्ता
रूस की पहली उप-प्रधानमंत्री से NSA की बैठक
डोभाल ने रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ द्विपक्षीय सैन्य-तकनीकी सहयोग और संयुक्त परियोजनाओं पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और ऊर्जा तथा रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई। डोभाल ने रूस की यात्रा के दौरान कई उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लिया। उन्होंने रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु से भी मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच दोस्ताना संबंधों की सराहना की। शोइगु ने कहा कि भारत और रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है और लगातार मजबूत हो रही है.
पीएम मोदी का पुतिन को न्योता
पीएम मोदी ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया
रूस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर विस्तार से बातचीत की। मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके और पुतिन के बीच हुई अच्छी बातचीत में द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की गई और विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प लिया। मोदी ने पुतिन को इस साल के अंत में भारत आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है.
अमेरिका को कड़ा संदेश
अमेरिका को दिया कड़ा संदेश
NSA की रूस यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, जिससे भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। इसके साथ ही, पीएम मोदी इस महीने के अंत में चीन की यात्रा पर जा रहे हैं और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से फोन पर बातचीत कर चुके हैं। ये घटनाक्रम अमेरिका को स्पष्ट और कूटनीतिक संदेश देते हैं कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है.