भारतीय नौसेना के इंजीनियर की गिरफ्तारी: पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी लीक करने का मामला

भारतीय नौसेना के इंजीनियर की गिरफ्तारी
रवि वर्मा, भारतीय नौसेना के इंजीनियर: महाराष्ट्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने सुरक्षा एजेंसियों को चिंतित कर दिया है। एक रक्षा कंपनी में कार्यरत इंजीनियर रवि वर्मा को पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच हुई है, जिसने सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रवि वर्मा को एक सुनियोजित हनीट्रैप में फंसाया गया था। इस ऑपरेशन में दो महिला एजेंट्स, पायल शर्मा और प्रित, शामिल थीं। महाराष्ट्र एटीएस के अनुसार, पायल शर्मा ने वर्मा से संपर्क किया और कहा कि वह युद्धपोतों और पनडुब्बियों से संबंधित एक परियोजना पर काम कर रही है।
उसने वर्मा से तकनीकी सहायता मांगी और उनकी जिज्ञासा का लाभ उठाते हुए गोपनीय जानकारी प्राप्त की। पायल ने वर्मा से युद्धपोतों के स्वरूप और तकनीकी विवरणों के बारे में सवाल किए। उसने चालाकी से वर्मा का विश्वास जीता और उन्हें संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए प्रेरित किया। वर्मा ने कथित तौर पर 14 युद्धपोतों और पनडुब्बियों से जुड़े गोपनीय विवरण पाकिस्तानी एजेंटों को दिए।
Mumbai, Maharashtra: Ravi Verma, a junior engineer in Mumbai's Defence Department, has been arrested for allegedly leaking sensitive information to a Pakistani woman he met on Facebook. His mother claims he was trapped through explicit video calls and insists he is innocent. She… pic.twitter.com/GqFdUkdeCk
— News Media (@news_media) May 30, 2025
जानकारी लीक करने की प्रक्रिया
नौसेना डॉकयार्ड में मोबाइल फोन के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध होने के कारण, वर्मा ने युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तकनीकी खामियों और अन्य विवरणों को याद किया। परिसर से बाहर निकलने के बाद, वह इन जानकारियों को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड करता था या व्हाट्सएप के माध्यम से वॉयस नोट्स के रूप में एजेंट्स को भेज देता था। इस प्रकार, संवेदनशील जानकारी का रिसाव सुनियोजित तरीके से किया गया।
हनीट्रैप: जासूसी का एक पुराना तरीका
हनीट्रैप जासूसी का एक प्रसिद्ध तरीका है, जिसमें लक्ष्य को लुभाने के लिए उनकी भावनात्मक कमजोरियों का फायदा उठाया जाता है। रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों को विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीति के तहत हनी ट्रैप के इस्तेमाल के बारे में नियमित रूप से जागरूक किया जाता है।” फिर भी, हाल के वर्षों में हनीट्रैप के मामले तेजी से बढ़े हैं, क्योंकि यह संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका साबित हुआ है।
भारत-पाक तनाव के बीच नया मोड़
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इस संदर्भ में, रवि वर्मा का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
जांच में नए खुलासे की उम्मीद
महाराष्ट्र एटीएस इस मामले की गहन जांच कर रही है। अधिकारियों का मानना है कि इस हनीट्रैप ऑपरेशन में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। जांच के दौरान यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कितनी और कौन-सी संवेदनशील जानकारी लीक हुई और इस नेटवर्क में अन्य कौन-कौन शामिल हैं?