भारतीय सशस्त्र बलों का त्रिशूल-2025 अभ्यास: स्वदेशी ड्रोन का प्रदर्शन
भारतीय सेना का अद्वितीय प्रदर्शन
नई दिल्ली: भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार को स्वदेशी सैन्य तकनीक की क्षमताओं का प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसमें अत्याधुनिक युद्ध-तैयार ड्रोन की लाइव-एक्शन झलक दिखाई गई। इन ड्रोन प्रणालियों ने यह प्रदर्शित किया कि वे कैसे तेजी और सटीकता के साथ दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकती हैं।
त्रिशूल-2025 अभ्यास का विवरण
यह प्रदर्शन त्रि-सेवा अभ्यास त्रिशूल-2025 के तहत किया गया, जो भारतीय नौसेना, थल सेना और वायु सेना का एक संयुक्त अभियान है। यह अभ्यास 3 नवंबर 2025 से शुरू हुआ और इसका संचालन गुजरात तट और उत्तरी अरब सागर क्षेत्र में किया जा रहा है।
अभ्यास में शामिल प्रमुख इकाइयाँ
इस व्यापक अभ्यास में सेना की दक्षिणी कमान, पश्चिमी नौसेना कमान और दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान की प्रमुख इकाइयाँ शामिल हैं। इसके अलावा, भारतीय तटरक्षक बल और सीमा सुरक्षा बल (BSF) जैसी एजेंसियाँ भी इस अभ्यास में भाग ले रही हैं, जिसका उद्देश्य अंतर-एजेंसी समन्वय को मजबूत करना और एकीकृत अभियानों की प्रभावशीलता को बढ़ाना है।
अभ्यास का उद्देश्य
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच परिचालन प्रक्रियाओं का सत्यापन करना, अंतर-संचालनीयता में सुधार करना और संयुक्त प्रभाव-आधारित संचालन को सुनिश्चित करना है। अभ्यास के दौरान, तीनों सेनाएँ नेटवर्क इंटीग्रेशन और बहु-क्षेत्रीय युद्ध वातावरण में एकीकृत अभियानों की क्षमता का परीक्षण कर रही हैं।
अभ्यास की विशेषताएँ
त्रिशूल-2025 में भारतीय नौसेना के युद्धपोत, जैसे आईएनएस जलाश्व, लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक, लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी वेसल (LCU) और वायु सेना के लड़ाकू एवं सहायक विमान शामिल हैं। इसके अलावा, संयुक्त खुफिया, निगरानी और टोही (ISR), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (EW) और साइबर युद्ध की योजनाओं का भी परीक्षण किया जा रहा है।
इस अभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोतों और वायु सेना की तट-आधारित परिसंपत्तियों का संयुक्त संचालन किया जाएगा। प्रदर्शित किए गए स्वदेशी ड्रोन और अन्य प्रणालियाँ भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं।
अधिकारियों के अनुसार, यह अभ्यास न केवल भारतीय सेनाओं की संयुक्त युद्ध तैयारी को परखने का अवसर है, बल्कि यह 'आत्मनिर्भर भारत' के सिद्धांतों के सफल समावेश का प्रतीक भी है।
